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गुजरात

राजकोट में BJP प्रत्याशी के खिलाफ क्षत्रिय समुदाय ने खाई कसम, मीडिया से खबर गायब!

गुजरात के राजकोट में राजपूत समुदाय के लोगों ने विशाल शक्ति प्रदर्शन किया. लाखों की तादाद में इकट्ठा हुए समुदाय के लोगों ने राजकोट से भाजपा उम्मीदवार व केंद्रीय मंत्री परषोत्तम रुपाला की उम्मीदवारी तत्काल वापस लेने की मांग की.

रुपाला के खिलाफ राजकोट में क्षत्रिय समुदाय की यह दूसरी रैली थी. हालांकि, मीडिया से ये खबर गायब है. जो इक्का-दुक्का अखबारों-पोर्टलों ने खबर छापी है, वो तारीफ भी पा रहे हैं.

बताया जा रहा है कि रुपाला ने गुजरात के पूर्व राजसी परिवारों के अंग्रेजों के साथ वैवाहिक संबंध बनाने को लेकर की गई टिप्पणियों ने गुजरात में राजसी परिवारों के वंशज नाराज हैं.

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रविवार को, रुपाला का नामांकन वापस न लेने की स्थिति में, समुदाय के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन तेज करने और 19 अप्रैल के बाद अहमदाबाद में एक और विशाल रैली आयोजित करने की कसम खाई है.

क्षत्रिय समुदाय की कोर कमेटी के सदस्य रामजुभा जड़ेजा ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, “हम रुपाला की उम्मीदवारी वापस लेने की अपनी मांग पर कायम हैं. हमने भाजपा से मांग की है कि रुपाला को जाना होगा और हम उस मांग पर कायम हैं.”

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जडेजा ने आगे कहा कि “अतीत में, जब लोगों ने गलतियाँ कीं, तो भाजपा नेतृत्व ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की, जिसमें पार्टी के पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा का मामला भी शामिल है.”

एक अन्य समुदाय के नेता करणसिंह चावड़ा ने कहा कि, “यह भाजपा को तय करना है कि वह रूपाला को चाहती है या राजपूतों को, यह अब उन्हें तय करना है. जहां तक ​​हमारा सवाल है, हमने फैसला किया है कि अगर रूपाला उम्मीदवार बने रहेंगे तो हम भाजपा का समर्थन नहीं करेंगे और यह हर जगह है, सभी निर्वाचन क्षेत्रों में और सिर्फ राजकोट तक ही सीमित नहीं है.”

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विरोध प्रदर्शन में शामिल महिला नेताओं में से एक तृप्तिबा वाला ने कहा, “उन्होंने राजपूत महिलाओं के बारे में घृणित टिप्पणी करके हमारा (महिलाओं) अपमान किया है. हम उनकी ऐसी अपमानजनक टिप्पणियों को स्वीकार नहीं कर सकते.”

बता दें राजपूत समुदाय के लगभग 75 अलग-अलग समूह या कबीले 22 मार्च से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं जब केंद्रीय मंत्री ने दलित समुदाय की बैठक के दौरान अपनी टिप्पणी की थी.

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समुदाय के शीर्ष नेताओं की एक समन्वय समिति ने भी भाजपा के राजपूत या क्षत्रिय नेताओं के साथ दो बैठकें कीं, लेकिन बातचीत से संकट का समाधान नहीं हुआ क्योंकि रूपाला को हटाने की मांग राजपूतों के लिए गैर-समझौता योग्य बनी हुई है, जबकि भाजपा नेतृत्व ने कहा है कि केंद्रीय मंत्री पहले भी दो बार माफी मांग चुके हैं.

सत्तारूढ़ दल ने यह भी घोषणा की है कि केंद्रीय मंत्री 16 अप्रैल को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे और राजकोट शहर में एक रोड शो भी करेंगे.

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सुनील सिंह बघेल-
सलाम है दैनिक भास्कर के साहस को. ऐसे समय में जब तमाम समाचार पत्र. न्यूज़ चैनल सरकार के चरणों में पड़े हो. सरकार के खिलाफ सिंगल कॉलम भी नहीं छाप रहे. Dainik Bhaskar ने Narendra Modi Amit Shah के करीबी Parshottam Rupala की बदजुबानी के खिलाफ, राजकोट में राजपूतों की रैली को इतने साहस से छापा है.

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