प्रखर वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व राज्यसभा सदस्य राजनाथ सिंह सूर्य का देहांत आज प्रातः 5:30 बजे लखनऊ स्थित निज निवास स्थान पर हो गया है. वे विगत कई महीनों से बीमार चल रहे थे.
राजनाथ ने समाजसेवा हेतु अपना देहदान भी केजीएमयू को कर दिया था. उनकी पवित्र मृत्यु देह आज 12:30 बजे निवास स्थान 3/35 पत्रकारपुरम गोमती नगर लखनऊ से केजीएमयू के लिए प्रस्थान करेगी.
लखनऊ के पत्रकार सुधीर मिश्र लिखते हैं-
गजब सेंस ऑफ ह्यूमर था राजनाथ सूर्य जी का
राजनाथ सिंह सूर्य जी नहीं रहे। उन्होंने अपना शरीर मेडिकल छात्रों के शोध के लिए दान में दिया। यह फैसला उन्होंने जीते जी ही किया था। समझ सकते होंगे कि कितने सुलझे और खुले विचार के व्यक्ति होंगे। मेरा उनसे कोई खास राब्ता नहीं था, फिर भी सिर्फ एक मुलाकात में समझ गया कि वह कितने विनोद प्रिय हैं और उनका सेंस ऑफ ह्यूमर कितना जबरदस्त।
तीन चार साल पहले की बात है। मैं ऑफिस में बैठा था। अचानक राजनाथ जी आ गए, पूर्व परिचय नहीं था। आये और बोले, काफी दिनों से nbt पढ़ रहा हूँ, सोचा आज सम्पादक से मिल आएं। मैंने पूरे विनम्र भाव से कहा कि आप को मुझे बुला लेना चाहिए था। आप आए, मेरा परम् भाग्य। चाय कॉफी के बाद राजनीति पर शुरू हुई चर्चा सांसद और तब के गृह मंत्री राजनाथ जी तक पहुंच गई। मैंने पूछा कि आप का और मंत्री जी का एक ही नाम है। साथ साथ राज्यसभा में भी रहे हैं। दोनों में क्या फर्क है ? उन्होंने हंसते हुए कहा कि भाई, उनका दिमाग बहुत तेज चलता है। मैंने मुस्कराते हुए पूछा कितना तेज़। वह बोले-एक पतली लोहे की सपाट सीधी डंडी लो, उसे राजनाथ के सिर में ठोक कर वापस निकालो तो वह स्क्रू बनकर निकलेगी, इतना तेज। ऐसी अलंकृत उपमा सुनकर मैं जोर से हस पड़ा और वह भी मुस्कराते हुए चले गए। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार राजू मिश्र लिखते हैं-
“राजनाथ सिंह का जाना महज एक पत्रकार का निधन भर नहीं। वह जितने अच्छे पत्रकार थे, उतने ही अच्छे वक्ता और उससे भी अच्छे एक इंसान थे। हमने उनके साथ कई संयुक्त रपटें आज, अवकाश और दैनिक जागरण में लिखीं, अनेक यात्राएं की। उनकी जैसी मृत्यु विरलों को ही मिलती है। रात सोए तो फिर सुबह भीमसेनी एकादशी के दिन नहीं जगे। परमात्मा उन्हें अपने चरणों मे स्थान प्रदान करें।“
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार ज़फ़र इरशाद लिखते हैं-
“वरिष्ठ पत्रकार आदरणीय राजनाथ सिंह जी के निधन पर विनम्र श्रद्धांजलि.. मै लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ता था, अयोध्या विवाद चरम पर था, बटलर हॉस्टल में रहता था, लिखने का शौक था तो लेटर टू एडिटर लिखा करता था, जागरण और सहारा मे छपा करते थे, कुछ दिन बाद अचानक जागरण के एडिट पेज पर देखा राजनाथ जी का एक लेख था, वो पूरा का पूरा लेख मेरे कई महीनो से छप रहे संपादक के नाम पत्र की समीक्षा थी. जिसमे राजनाथ जी ने लिखा यह जफर इरशाद कौन है मै नही जानता लेकिन इनके पत्र बहुत ज़बर्दस्त होते हैं. और उन्होने सभी पत्रों की एक तरह से समीक्षा कर डाली. मै कभी राजनाथ जी से मिला नहीं था. फौरन जागरण के ऑफिस गया वहां से राजनाथ जी के घर का पता लिया और उनसे मिला. बड़े प्यार से मिले वो. उस समय मै लखनऊ विश्वविद्यालय से मास्टर of labour laws and personal management का कोर्स कर रहा था. राजनाथ जी ने पूछा क्या कर रहे हो मैंने बताया, उन्होने कहा कि अच्छा लिखते हो पत्रकार बनो. यही से मेरे दिमाग़ में पहली बार पत्रकारिता का कीड़ा काटा, कैसे आया पत्रकारिता में वो बाद की बात है. राजनाथ जी का जागरण के एडिट पेज पर मेरे बारे मे लिखा वो अखबार का पन्ना आज भी मेरे पास मौजूद हैं.ऐसे महान पत्रकार के निधन पर दिल दुखी हैं. विनम्र श्रद्धांजलि!”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व राज्य सभा सांसद श्री राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. आज यहां जारी एक शोक सन्देश में मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ ने हमेशा जन सरोकारों को प्राथमिकता दी. उन्होंने अपने कलम के माध्यम से जन हित और समाज हित से जुड़ें मुद्दों को निर्भीकता और निष्पक्षता से व्यक्त किया. श्री राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ ने पत्रकार के तौर पर विभिन्न समाचार पत्रों में कार्य किया. वे एक समाचार पत्र के संपादक भी रहे थे. स्तंभकार के रूप में उनकी विशिष्ट पहचान थी. श्री ‘सूर्य ‘ के निधन से पत्रकारिता जगत को हुई क्षति की भरपाई होना कठिन है
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए स्व.श्री राजनाथ सिंह ‘सूर्य’ के शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने पूर्व राज्यसभा सदस्य, वरिष्ठ स्तम्भ कार, प्रख्यात चिंतक और विचारक राजनाथ सिंह सूर्य के निधन का संदेश जानकर गहरा दुख व्यक्त किया है. विधानसभा अध्यक्ष ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि वह पुण्य आत्मा को चिर शांति व शोकाकुल परिवार को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें.