झारखंड पुलिस ने 4 बड़े चैनलों के पत्रकारों को तलब किया है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि जिन चार पत्रकारों को तलब किया गया है उन्होंने बीती 29 जनवरी को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास से ईडी द्वारा बीएमडब्ल्यू कार और 36 लाख रूपये नकद जब्त किए जाने की खबरें चलाई थीं.
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन द्वारा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत ईडी अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामले में यह एक्शन लिया गया है. सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले, 31 जनवरी को रांची पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि ईडी ने उन्हें और उनके पूरे समुदाय को परेशान करने और बदनाम करने के लिए 29 जनवरी को दिल्ली में उनके आवास पर सर्च अभियान चलाया था. सोरेन ने अपनी शिकायत में लिखा कि ईडी के अधिकारियों ने तमाशा बनाने और जनता की नजरों में उनकी बदनामी के लिए सर्च किया और मीडिया को सूचना दी.
इस मामले में रांची के पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा ने कहा, हमने न्यूज़18, ज़ी न्यूज़, आज तक और न्यूज़24 के पत्रकारों को समन जारी किया है. हमने उनसे जांच के लिए रांची आने को कहा है.हालांकि, उन लोगों का जवाब आया कि वे नहीं आ सकेंगे, इसलिए हम उनके पास जाएंगे. सूत्रों ने बताया कि झारखंड पुलिस पत्रकारों से खबर का स्त्रोत पता करेगी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक रांची पुलिस ने ईडी के अतिरिक्त निदेशक कपिल राज, सहायक निदेशक देवव्रत झा, अमन पटेल और अनुमान कुमार व अन्य के खिलाफ एससी-एसटी अधिनियम की धारा 3(1) पीआरएसयू के तहत दर्ज की गई है.
सोरेन ने अपनी एफआईआर में कहा है कि जब वे रांची पहुंचे तो मीडिया में उनके दिल्ली स्थित आवास शांति निकेतन, झारखंड भवन में तलाशी अभियान चलने की ख़बर चल रही थी. सोरेन का कहना है कि उन्हें, आदिवासी होने की वजह से मीडिया में इस तरह की कवरेज की गई है. फिलहाल मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने ईडी अफसरों पर पुलिस कार्रवाई को लेकर रोक लगा दी है.