राजेश मित्तल-
ट्रेन के एसी कोच में हमें मिलती हैं गंदी चादरें। दरअसल इन्हें बिना धोए ऐसे ही प्रेस कर दिया जाता है।
नवभारत टाइम्स के बेहतरीन रिपोर्टर अभिषेक ने 6 दिन लॉन्ड्री में मजदूर बन निकाला यह सच।
Navbharatgold स्टिंग का असर
अब उम्मीद कर सकते हैं कि ट्रेन के एसी कोच में हमें साफ चादरें मिलेंगी। नवभारत टाइम्स के बेहतरीन रिपोर्टर अभिषेक गौतम की मेहनत रंग लाई।
पहले ढेर सारी गंदी चादरों को धोए बिना ही प्रेस करके दे दिया जाता था। रेलवे के ठेके लेनेवाली लॉन्ड्री में 6 दिनों तक 45 डिग्री में जिस्म तपा कर अभिषेक गौतम ने सच निकाला था।
खबर बाहर आने पर रेलवे ने ऐक्शन लेते हुए 2 सीनियर इंजीनियरों समेत 6 कर्मचारियों को सस्पेंड किया। रेलवे ने चादरों को बिना धुले भेजने के मामले में लॉन्ड्री को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है।
अधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वे लाउंडरेड्स कंपनी में लगे सीसीटीवी कैमरों के लिंक डीआरएम ऑफिस के सभी बड़े अफसरों को दें ताकि वे कंपनी में चादरों की धुलाई का औचक निरीक्षण कर सकें।
रेलवे ने स्टिंग के बाद तय किया है कि नोएडा की जिस कंपनी में चादरों को धुलने और प्रेस करने का काम होता है, वहां निगरानी के लिए तीन शिफ्ट में रेलवे कर्मचारी तैनात किए जाएंगे।
साथ ही, रेलवे अफसरों को निर्देश दिया गया है कि वे भी हफ्ते में कम से कम एक दिन कंपनी में खुद जाकर निरीक्षण करें और उसकी रिपोर्ट बनाकर भेजें। इस रिपोर्ट के आधार पर हर सोमवार को नार्दर्न रेलवे के हेडक्वॉर्टर में कंपनी के कामकाज की समीक्षा की जाएगी।