-अश्विनी कुमार श्रीवास्तव-
तौबा तेरा प्यार….और तेरा इमोशनल अत्याचार!
क्या हुआ जो सुशांत की मृत मां को मानसिक रोगी बताया। पिता को चरित्रहीन कहा। बहनों को सुशांत के पैसों का लालची बताया। सुशांत को ड्रग एडिक्ट और मानसिक रोगी बताया। सुशांत का नंबर तक ब्लॉक कर दिया। आखिर प्यार करती थी वह सुशांत को।
सुशांत के पैसों पर ऐश कर ली तो ऐसी कौन सी आफत आ गयी? वह न करती तो सुशांत ये सारे पैसे तारे देखने वाली लाखों रुपये की टेलिस्कोप, लाखों रुपए के वैज्ञानिक उपकरण खरीदने, जरूरतमंदों को दान देने में या नीति आयोग के फालतू के देश निर्माण के कार्यक्रमों में बर्बाद कर ही रहा था। जिंदा रहता तो कुर्ग जाकर ऑर्गेनिक खेती में यह पैसा मिट्टी कर देता।
और इसमें क्या बुरी बात है कि सुशांत के साथ लिव इन में रहकर वह माई डिअर बुड्ढा कहकर खुद महेश भट्ट की जलेबी बनी रही….. और अपने पुराने प्रेमी आदित्य कपूर के साथ भी पेंच लड़ाती रही। ड्रग डीलर्स से ड्रग्स की खरीद भाई और अपनी दोस्तों के साथ मिलकर करती रही। यह तो बॉलीवुड में होता ही है भाई…
जरा सोचकर देखिए कि बेचारी रिया ने कितने दुख सहे। सुशांत की मौत के बाद महेश भट्ट, सलमान खान, जावेद अख्तर जैसे ताकतवर लोग, मुम्बई पुलिस, पूरी महाराष्ट्र सरकार और देश का सबसे महंगा वकील उसके साथ न होते तो उस बेचारी अबला का क्या होता? सुशांत का परिवार, अर्नब गोस्वामी, इशकरण सिंह भंडारी, कंगना रनौत, डॉक्टर सुब्रमण्यम स्वामी न्याय की मांग करके ऐसी अबला के साथ कितना बड़ा जुल्म कर रहे हैं, इसका जरा भी अंदाजा है आपको?
सुशांत मर गया तो अब उसको भूल जाइए। जो जिंदा हैं, उन्हें जिंदगी की मौज लेने दीजिये। बता तो दिया रिया और महेश भट्ट ने कि सुशांत मानसिक रोगी था इसलिए उसने आत्महत्या कर ली। आपको इतने अच्छे चरित्र के माई डिअर बुड्ढा और जलेबी की इस जोड़ी पर आखिर शक क्यों हो रहा है?
चलिए, उन पर शक है तो आप मुम्बई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार की वह बात क्यों नहीं मान लेते कि सुशांत छोटा-मोटा स्टार था और पुलिस ने तो उसी दिन लाश देखते ही पता कर लिया था कि यह आत्महत्या है। जांच, एफआईआर, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट…. इन सब लफड़े में कायकू पड़ने का? अभी बोल दिया न सबने कि आत्महत्या है तो बात नक्की कर न रे बाबा..
राजदीप सरदेसाई, बरखा दत्त जैसे पत्रकार व आज तक, इंडिया टुडे, एनडी टीवी जैसे चैनल का एहसान मानिए कि अगर सीबीआई की पूछताछ के पहले वह ऐसी अबला नारी के पक्ष में न खड़े होते तो रिया तो इतने अच्छे कर्म और स्वभाव कब बावजूद बदनाम ही हो जाती। फिर यह भी तो सुनिश्चित करना है कि बेचारी रिया को आत्महत्या या हत्या के लिए जिम्मेदार न मान लिया जाए…
ऐसा हो गया तो देश में महेश भट्ट, सलमान खान, जावेद अख्तर, मुम्बई पुलिस, पूरी महाराष्ट्र सरकार, देश के सबसे महंगे वकील, राजदीप सरदेसाई, बरखा दत्त जैसे पत्रकार व आज तक, इंडिया टुडे, एनडी टीवी जैसे न जाने कितने बड़े बड़े लोगों की नाक ही कट जाएगी… इसलिए हमें हर हाल में इस अबला नारी को बचाना है…छोड़िये सुशांत जैसे छोटे-मोटे स्टार को…