के. सत्येंद्र-
सौ ग्राम के फोन ने हजारों कुन्तल के भारी भरकम बुल्डोजर को चुप करा दिया… चंद पत्रकार भाई लोग मंत्री संतरी अधिकारियों संग फ़ोटो खिंचवा कर यह गलतफहमी पाल बैठते हैं कि वे फलां साहब के काफी करीब हो गए हैं और भविष्य में उन्हें इसका लाभ मिलना तय है। लेकिन भाई लोग की गलतफहमी वास्तविकता से बिल्कुल परे है।
गोरखपुर जनपद में यू पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के अध्यक्ष तथा सहारा टी वी चैनल में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र द्विवेदी के अनुसार योगी जी के मुख्यमंत्री बनने से पूर्व ही वे उनसे परिचित रहे हैं तथा जब गोरखपुर में यू पी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के वह अध्यक्ष बने तब उन्होंने अपने संगठन के पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री योगी जी से जाकर व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात भी की थी।
द्विवेदी जी को शायद यह नहीं पता था कि वो वक्त आनेवाला है जब अपनी जगह कानूनी तौर पर सही होते हुए भी उनके कोई काम नहीं आएगा। उनकी सारी फोटो सेशन, पहचान, पद तथा संगठन सब धरा का धरा रह जायेगा और सही होते हुए भी उनकी कोई मदद नहीं कर पायेगा।
आज सार्वजनिक रास्ते पर अतिक्रमण को लेकर भूपेंद्र द्विवेदी अपनी लड़ाई में अकेले पड़ चुके हैं तथा उनके तमाम फ़ोटो सेशन, पद, पहचान तथा संगठन सब कागजी छलावा साबित हो चुके हैं।
आज थक हार कर द्विवेदी जी मुख्यमंत्री के जनता दरबार में अपनी पीड़ा कागजों पर उकेरते हुए लाइन में खड़े हैं। आज द्विवेदी के सामने यह नौबत इसलिए आन पड़ी क्योंकि अधिकारियों की जांच के बाद माफियाओं और अतिक्रमणकारियों पर चलने वाला प्रशासन का बुलडोजर अतिक्रमण हटा ही रहा था कि फोन की घंटी बज गयी। बुलडोजर रुक गया और बैक गियर लेते हुए बैरंग लौट गया।
सौ ग्राम के फोन की औकात इतनी भारी थी कि हजारों कुन्तल के बुलडोजर की दहाड़ बन्द हो गयी। अतिक्रमणकारी आज खड़ा होकर प्रशासन बुलडोजर और बुलडोजर की दहाड़ पर मुस्कुरा रहा है और पत्रकार साहब आमजन के साथ प्रार्थना पत्र लेकर लाइन में खड़े हैं।