कुमार राजेश-
In light of the arrest of Sanjay Sherpuriya by UP STF, I am constrained to write this post! ‘क्या बात है!’ का हर अंक अपनेआप में एक प्रमाण है! इस दृष्टि से मेरे पत्रकार बंधुओं और UP STF से अनुरोध है कि वे कृपया KBH के इस अंक को पहले एक बार देख लें!
पत्रकार-गण इस बारे में इकतरफ़ा लेखन के पाप से बच जाएँगे और UP STF की आँखें भी खुल जायेंगी कि जिस किसी ने भी उनके कन्धे पर बंदूक़ रख कर शेरपुरिया पर गोली चलायी है, उसने UP STF को कितने बड़े धर्मसंकट में डाल दिया है। कुछ मौलिक प्रश्न विचारणीय हैं – अगर यह एक ‘महाठग’ है, तो ठगी किसकी हुई है?
किसने इनके ख़िलाफ़ रिपोर्ट लिखवायी है? क्या एक भी ऐसा व्यक्ति है जिसने इनके ख़िलाफ़ ठगी की शिकायत दर्ज़ करायी है? क्या देश भर में एक भी शिकायत किसी भी मामले में इनके ख़िलाफ़ दर्ज है? ख़ुद UP STF का एक अधिकारी ही इनके ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाता है, वो भी इन्हें आधी रात कानपुर रेलवे स्टेशन से UP STF द्वारा ही ‘उठा लेने’ के बाद! दरअसल ये सीधे-सीधे UP STF के ख़िलाफ़ ही आपराधिक मानहानी का मामला बनता है।
It is a clear case of criminal defamation against UP STF! If not, then I dare UP STF to arrest me for hobnobbing with a ‘महाठग’!
वरिष्ठ पत्रकार कुमार राजेश वर्ष 1992 से टीवी पत्रकारिता में हैं। आजतक, एनडीटीवी, इंडिया टीवी में काम किया। अभी एबीपी न्यूज़ के साथ हैं।
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