कृष्ण कांत-
पहले राहुल गांधी, फिर केजरीवाल और अब सत्यपाल मलिक। जो भी प्रधानमंत्री पर सवाल उठाएगा, उसे जांच एजेंसियां लगाकर प्रताड़ित किया जाएगा।
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पुलवामा हमले और गोवा – कश्मीर में भ्रष्टाचार के कुछ मामले उठाए थे। उनके इंटरव्यू को हफ्ता नहीं बीता, उनके पीछे सीबीआई लगा दी गई है। हालांकि सीबीआई उन आरोपों की कोई जांच नहीं करेगी कि 11 खुफिया सूचनाओं के बावजूद सेना को जानबूझकर हवाई यात्रा की सुविधा नहीं दी गई, उन्हें सड़क से जाने को मजबूर किया गया और पुलवामा हमला हुआ जिसमे 40 जवान शहीद हो गए। फिर उनकी फोटो का पोस्टर छपवा कर वोट मांगा गया। सत्यपाल मलिक ने प्रधानमंत्री से कहा था कि यह हमला हमारी गलती से हुआ तो प्रधानमंत्री ने कहा – “तुम चुप रहो।”
भारत में इससे पहले ऐसी सरकार नहीं देखी गई है जो भ्रष्टाचार करे, देश के खिलाफ काम करे, अपनी गलत नीतियों से लोगों की जान ले, जवानों को शहीद करवाए और सवाल उठाने वाले को ही सजा दे।
ममता बनर्जी और अखिलेश यादव समेत जो विपक्षी नेता और पार्टियां सोच रही हैं कि वे पिछले दरवाजे से भाजपा का समर्थन करके बच जाएंगी, वे भ्रम में हैं। कोई नहीं बचेगा। ओवैसी भी तभी तक बचे हैं जबतक चुनाव में वोटों के विभाजन में काम आ रहे हैं।
अब गवर्नर साहब(पूर्व) को CBI ने 28 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया है. जी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को बुलावा आया है. ‘पुलवामा प्रकटीकरण’ के बाद इतना तो होना ही था! बहरहाल, यह रिश्वत की कथित पेशकश का मामला है, जिसके बारे में मलिक साहब से पूछताछ की जानी है. पता नहीं, कथित पेशकश के अन्य पक्षों से भी पूछताछ होगी या सिर्फ गवर्नर साहब(पूर्व)से ही! -उर्मिलेश