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सुख-दुख

लल्लनटाप वाले सौरभ द्विवेदी को माफी मांगनी पड़ी!

Shyam Meera Singh-

आपके बुरे दिन होते हैं तो बहुत से छुपे लोग आपकी पीठ में छुरा घोंपने आ जाते हैं। पत्रकार सौरभ द्विवेदी के पिछले ट्वीट्स पर गहरी आपत्ति हो सकती है। लेकिन इस टाईम अब सब ही अपनी पर्सनल खुन्नस निकाल रहे हैं।

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कुछ लोग आपके बुरे दिन का इंतज़ार करते हैं और तुरंत छुरा पीठ में घौंप देते हैं जबकि इतनी ट्रोलिंग के बाद आदमी का मेंटल ट्रॉमा कितना बढ़ा हुआ होगा इससे किसी को कोई मतलब नहीं। किसी ने सही कहा था अगर एक आदमी का असली चेहरा देखना हो तो उसे किसी की बुराई करते हुए गौर से देखो। ठीक है पाँच-छः साल पहले सौरभ द्विवेदी ने ट्वीट लिखे। आख़िर कोई क्यों ना लिखे?

कांग्रेस ने भी इस देश पर वर्षों राज किया है। उनके राज के सताए हुए भी लोग हैं। उनके शासन के भ्रष्टाचार के भी लोग सताए हुए हैं। स्कूलों से लेकर अस्पतालों की हालत तब भी बदतर ही थी। स्वाभाविक है उस समय लोगों में ग़ुस्सा था सरकार से। हालाँकि आलोचनाओं की भाषा अच्छी हो सकती थी। लेकिन डिजिटल लिटरेसी तब उतनी नहीं थी।

आदमी जो कमरे के अंदर बोलता था उस वक्त सोशल मीडिया पर भी वही सब लिख देता था। उस वक्त किसी को ये मालूम नहीं था कि हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। डिजिटल लिटरेसी वक्त के साथ आइ है, उस समय किसी में इतनी समझ नहीं थी। नेताओं की आलोचनाएँ, कई बार कड़े शब्दों में, कई बार बिलो द बेल्ट भी कोई अपराध नहीं है।

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आज मोदी को फेंकू से लेकर तमाम नाम कहे जाते हैं। चूँकि लोग परेशान हैं। नेता हमारी ज़िंदगी को प्रभावित करते हैं, उनके कामों से हमारी जिंदगियाँ तय होती हैं, उस समय राहुल गांधी और कांग्रेस तय करते थे। अगर उस दौर में कुछ ग़लत तरीक़े से बोला गया तो माफ़ी माँग ली। अब कुछ कहेंगे माफ़ी में ये कमी थी, ऐसे नहीं ऐसे बोलना था। ठीक है भाई ठीक है। हम सबमें कुछ कुछ कमियाँ नहीं बहुत कमियाँ हैं। सबके हिसाब होंगे तो कहीं किसी कोने में हम सबके अपराध निकलेंगे। किसी ना किसी एंगल से निकलेंगे।

लेकिन दौर ऐसा है कि अगर किसी एक आदमी की ट्रोलिंग होती है तो उसको और मेंटल ट्रॉमा देने के लिए कुछ और लोग बाहर निकल आते हैं। सब दूसरे की पचास ग़लतियाँ निकालते हैं, जैसे वे कितने अच्छे हैं, ईमानदार हैं, उन्होंने कभी किसी के लिए एक भी शब्द ग़लत इस्तेमाल नहीं किया। ना एक भी शब्द नहीं किया। इनकी क़मीज़ें एकदम सफ़ेद हैं और सामने वाला इतना बड़ा अपराधी हो चुका है कि उसे नोच लो, छोड़ो मत। अब सब देवता हैं और सिर्फ़ एक आदमी अपराधी।

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माफी मांगने का वीडियो देखें, नीचे क्लिक करें-


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‘भक्तों’ के लिए ‘लल्लनटाप’ वाले सौरभ द्विवेदी ने ये क्या लिख दिया!

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