पत्रकारिता को दलाली बनाने के आरोपी सुधीर चौधरी एंड कंपनी को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर लताड़ लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो प्रोसीजर्स हैं, उन्हें ठीक से फॉलो करो वरना दोबारा जेल में ठूंस देंगे। चौधरी एंड कंपनी पर दिल्ली पुलिस ने भी जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें अपनी आवाज का सैंपल देने को कहा है।
सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया पर 2012 में नवीन जिंदल ने खबर की आड़ में सौ करोड़ रुपए की दलाली मांगने का आरोप लगाया था। इसके बाद पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया था। जेल जाने के बावजूद इनने दलाली से तौबा न की और जेएनयू प्रकरण में सत्ता पक्ष की जमकर दलाली की। इससे आहत एक पत्रकार विश्व दीपक ने इस्तीफा भी दे दिया था।
हालांकि मोदी जी ने इनकी दलाली का इन्हें ईनाम दिया और इन्हें एक्स कैटेगरी की पर्सनल सीक्योरिटी मुहैया कराई। वैसे चौधरी साहब पहले भी अफवाह उड़ाने के आरोपों से न सिर्फ घिरे हैं, बल्कि दोषी भी पाए गए हैं। दिल्ली में स्कूल टीचर उमा खुराना का केस अभी भी सबको याद है जिसमें इनने फर्जी स्टिंग करके एक शिक्षिका पर वेश्यावृत्ति का आरोप मढ़ दिया था।