Vikram Singh Chauhan : टीएमसी की तेजतर्रार सांसद महुआ मोइत्रा की ज़ी न्यूज़ के सुधीर चौधरी के खिलाफ की गई आपराधिक मानहानि मामला शुरू करने की सुनवाई पूरी हो गई है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट प्रीति परेवा ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। संभव है 7 सितंबर को इस मामले में …
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राधे मां का इंटरव्यू प्राइम टाइम पर चलाने को लेकर सुधीर चौधरी ने किया ट्वीट
ABP, India Tv, Zee Hindustan और नेटवर्क18 पर प्राइम टाइम में चलाए गए राधे माँ के इंटरव्यू के बारे में Zee News के एडिटर सुधीर चौधरी ने यह व्यंग्य किया है कि देश में मीडिया के इतने बुरे दिन आ गए हैं कि उन्हें TRP रेटिंग्स के लिए अब राधे माँ का इंटरव्यू का सहारा लेना पड़ रहा है।
आजतक का ‘क्रांतिकारी, बहुत क्रांतिकारी’ शो सुपरहिट साबित हुआ!
सुप्रिय ने सुधीर चौधरी को उन्हीं के हथियार से पीट दिया!
टीवी न्यूज चैनलों की टीआरपी में इस बार भी आजतक नंबर वन है। आजतक का नंबर वन होना नई बात नहीं है, नई बात ये है कि टीआरपी में कुछ हफ्ते पहले आजतक के करीब पहुंच चुका जी न्यूज अब 5.4 प्वाइंट के फासले पर बहुत नीचे खिसक चुका है। आजतक की इस हफ्ते की टीआरपी 18.7 है, जबकि जी न्यूज की 13.3। इसके साथ ये भी साबित हो गया कि आजतक के मैनेजिंग एडिटर सुप्रिय प्रसाद के मुकाबले में दूर दूर तक भी किसी चैनल का संपादक नहीं है। उनकी प्लानिंग, चौकस निगाहें और टीआरपी की समझ के आगे सभी संपादक पानी मांग रहे हैं। सब कन्फ्यूज हो रहे हैं कि क्या दिखाएं, लोग क्या देखना चाहते हैं।
रंगदार संपादक और राष्ट्रवादी शोर : टीवी जर्नलिज्म आजकल….
मोदी के राज में कानून का डंडा बहुत सेलेक्टिव होकर चलाया जा रहा है…
Nitin Thakur : एनडीटीवी प्रमोटर पर छापे के दौरान ‘ज़ी’ अजीब सी खुशी के साथ खबर चला रहा था. शायद उन्हें इस बात की शिकायत है कि जब उनकी इज्ज़त का जनाज़ा निकल रहा था तब उनका साथ किसी ने नहीं दिया. ज़ी का दर्द एक हद तक सही भी है. तब सभी ने चौधरी और अहलूवालिया का स्टिंग बिना ऐसे कुछ लिखे चलाया था कि “ये पत्रकारिता पर हमला है”. अब ज़ी हर बार जश्न मनाता है. जब एक दिन के एनडीटीवी बैन की खबर आई तो भी.. जब छापेमारी की खबर आई तो भी. उसे लगता होगा कि कुदरत ने आज उसे हंसने का मौका दिया है तो वो क्यों ना हंसे. बावजूद इसके सच बदल नहीं सकता कि उनका मामला खबर ना दिखाने के लिए संपादकों द्वारा रंगदारी की रकम तय करने का था और ये सब एक बिज़नेसमैन की वित्तीय अनियमितता का केस है जिसमें बैंक का कर्ज़ ना लौटाना प्रमुख है.
अनुभव मित्तल की ‘आनलाइन कंपनी’ से सुधीर चौधरी भी हो गए परेशान!
Sudhir Chaudhary : My personal phone suddenly started ringing non stop last night and since then it has not stopped even for a second. I am getting nonstop calls from hired online goons using prepaid shady numbers, all of them similar in nature.
सुधीर चौधरी को मिला स्टे, जेल न जाएंगे
Sudhir Chaudhary : Calcutta High Court gives a stay order on the proceedings on non bailable FIR against Zee News reporter Pooja Mehta, her cameraman and me for reporting about #Dhulagarh Riots in West Bengal.
गैर-जिम्मेदार रिपोर्टिंग पर सुधीर चौधरी और उनकी रिपोर्टिंग टीम के खिलाफ मुकदमा
पश्चिम बंगाल के धुलागढ़ में सांप्रदायिक हिंसा की गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से नाराज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी, रिपोर्टर पूजा मेहता और कैमरामैन तन्मय मुखर्जी के खिलाफ FIR दर्ज करा दिया है. मुकदमा 153(A) जैसी गैर जमानती धाराओं में लिखा गया है. सुधीर चौधरी ने एफबी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है- ”मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मीडिया के दमन की कोशिश कर रही है, वो लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा हैं. आगे से कोई भी मीडिया हाउस दंगों की कवरेज करने से बचेगा. ये पत्रकारिता पर अंकुश लगाने की साजिश है.”
उगाही में जेल जा चुके किसी संपादक को किसी राष्ट्र प्रमुख से मिलवाने की ये पहली घटना होगी (देखें तस्वीर)
Vishwa Deepak : अगर ये तस्वीर हैदराबाद हाउस की है तो कहा जा सकता है कि आज हैदराबाद हाउस की धरती पवित्र हो गई. आज एक महान ‘संत’ के चरण इस धरती पर पड़े. आप सब पहचानते हैं इस ‘संत’ को. ऐसा सौभाग्य भारत के किसी प्रधानमंत्री को शायद ही मिला होगा. उगाही के चक्कर में तिहाड़ जेल की रोटी खाने वाले किसी संपादक को किसी राष्ट्र प्रमुख से मिलवाने की ये शायद पहली घटना होगी.
लाखों सेलरी पाने वाले भक्त संपादकों अरनब-सुधीर को Y कैटगरी देने पर मोदी की लानत-मलानत
Markandey Katju :Why should Arnab Goswamy be provided Govt. security, and that too of the Y category, which means 20 guards will be with him day and night. Who will pay the salaries of these guards? It will be the government, which really means the public, because these salaries come from the taxes we pay. So we will have to pay for Arnab’s security.
Zee News वाले Sudhir को एक पत्र : ये डिज़ाइनर पत्रकार क्या होता है चौधरी साब?
ज़ी न्यूज़ के एक प्रोग्राम डीएनए में सुधीर चौधरी बार बार डिज़ाइनर पत्रकार और सच्ची पत्रकारिता का जिक्र कर रहे थे. मन में उनसे कुछ पूछने की इच्छा जागी है. अगर आपके माध्यम से मेरी बात उन तक पहुँच सके तो आभारी रहूँगा.
Regards,
Karamvir Kamal
Editor
The Asian Chronicle
editor.theasianchronicle@gmail.com
सौ करोड़ की उगाही वाली सीडी में सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया की ही आवाज
सुधीर चौधरी और समीर अहलूवालिया के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट में मान लिया है कि स्टिंग वाले वीडियो में सुधीर और समीर की ही आवाज है. इससे पूर्व सांसद नवीन जिंदल की कंपनी से 100 करोड़ रुपये की उगाही के आरोपी ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी और ज़ी बिज़नेस के संपादक सीईओ समीर अहलूवालिया की परेशानी बढ़ सकती है. फोरेंसिक जांच प्रयोगशाला सीएफएल ने स्टिंग ऑपरेशन की सीडी में चौधरी और अहलूवालिया की आवाज सही पाई है. उनके वकीलों, विजय अग्रवाल और अमन लेखी ने भी सीबीआई कोर्ट में स्वीकार किया कि इस मामले से जुड़े वीडियो में उनके मुवक्किलों की ही आवाज़ है.
सुधीर चौधरी एंड कंपनी को सुप्रीम कोर्ट ने हड़काया- ”प्रोसीजर्स ठीक से फॉलो करो वरना दोबारा जेल में ठूंस देंगे”
पत्रकारिता को दलाली बनाने के आरोपी सुधीर चौधरी एंड कंपनी को सुप्रीम कोर्ट ने जमकर लताड़ लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो प्रोसीजर्स हैं, उन्हें ठीक से फॉलो करो वरना दोबारा जेल में ठूंस देंगे। चौधरी एंड कंपनी पर दिल्ली पुलिस ने भी जांच में सहयोग न करने का आरोप लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इन्हें अपनी आवाज का सैंपल देने को कहा है।
‘सुधीर चौधरी ने पहली बार दिल से ट्वीट किया पर नमक का कर्ज याद आते ही डिलीट कर दिया’
Sunil Kumar Singh : @sudhirchaudhary deleted this tweet? because first time he tweeted from his heart instead of wallet. शायद पहली बार इन्होंने ट्वीट में दिल से बात कही थी लेकिन फिर नमक का कर्ज याद गया होगा इसलिए डिलीट करना पड़ा।
जब ‘राष्ट्रवादी’ संपादक सुधीर चौधरी अपने प्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बदज़ुबानी कर गए!
Vineet Kumar : दाग़दार संपादक सुधीर चौधरी ने प्रधानमंत्री की गरिमा को पहुँचायी चोट… जिस दाग़दार संपादक सुधीर चौधरी को प्रधानमंत्री के साथ पहली सेल्फी लेने का गौरव प्राप्त हो, वो प्रधानमंत्री किसी भारतीय मीडिया को इंटरव्यू न देकर विदेशी अख़बार को इंटरव्यू दे, ये पीड़ा आप और हम नहीं समझ सकते.
मेरे बारे में सोशल मीडिया पर अफवाह उड़ाकर चरित्र हनन का काम सुधीर चौधरी ने किया था : ओम थानवी
Om Thanvi : जो लोग पत्रकारिता के पतन पर शोध करते हों, वे ज़ी न्यूज़ के प्रधान संपादक के कृत्यों में एक प्रसंग और जोड़ कर रख सकते हैं। इसका भुक्तभोगी मैं स्वयं हूँ। कुछ महीने पहले मेरे बारे में सोशल मीडिया में एक अफवाह उड़ी की महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी के कारण मुझ पर हमला हुआ या मेरे साथ मारपीट हुई। सचाई यह है कि किसी के साथ आज तक हाथापाई तक नहीं हुई है। वह दरअसल डॉ नामवर सिंह के जन्मदिन समारोह की घटना थी, जहाँ साहित्य और पत्रकारिता पर ही बात हो रही थी। किसी ने जाने क्यों (दुश्मन कम तो नहीं!) वह अफवाह उड़ाई। उस सरासर अफवाह को सच्ची घटना मानकर अपने सोशल मीडिया खाते (ट्विटर) पर किसी और पत्रकार ने नहीं, श्रीमान सुधीर चौधरी ने चलाया। यह चरित्र-हनन का प्रयास नहीं था तो क्या था?
एक पत्रकार हमें भेड़ियों में बदल रहा है
Himanshu Pandya : यह तस्वीर एक शिक्षक उमा खुराना की है. 28 अगस्त,2007 को उनके तुर्कमान गेट स्थित सरकारी स्कूल के बाहर अचानक भीड़ इकठ्ठा हुई और उमा जी कुछ समझ पातीं, इसके पहले गुस्साई भीड़ ने उन्हें स्कूल के बाहर खींचकर सड़क पर न केवल जान से मारने का प्रयास ही किया बल्कि सरे राह उनके कपडे फाड़ कर नग्न तक कर दिया था. मौके पर पहुंची पुलिस पर भी भीड़ ने पथराव कर दिया. पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई.
सुधीर चौधरी की दंगाई पत्रकारिता पर अदालत, प्रेस परिषद और मीडिया संगठनों को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए
Krishna Kant : गौहर रजा की नज्में सुनीं. सुधीर चौधरी नामक पत्रकार पर अब तक निजी तौर पर मैंने कुछ नहीं लिखा था. अपनी टीआरपी छाप सनक में ये शख्स उमा खुराना के चीरहरण से लेकर उगाही राष्ट्रवाद तक पहुंचते पहुंचते पागल हो गया है. इसको हाई लेवल सिक्योरिटी की नहीं, अब पागलखाने की जरूरत है. मोदी सरकार को देशहित में यह काम जरूर करना चाहिए. इन भाई साहब ने पहले फर्जी स्टिंग करके एक महिला को वेश्या साबित करने की कोशिश की और इनका चैनल बंद हुआ. फिर इन्होंने रिपोर्ट के बदले उगाही खाने की कोशिश की और जेल की हवा खाकर आए. अब ये मीडिया के नाम पर राष्ट्रवादी दुकान खोलकर बैठ गए हैं. सोने में सुहागा कि इन्हें मोदी सरकार मिल गई है.
‘जी न्यूज’ के पक्ष में प्रदर्शन! सुधीर चौधरी हुए खुश, देखें तस्वीर
Sanjaya Kumar Singh : ज़ी न्यूज कार्यालय के बाहर इन युवकों ने ज़ी न्यूज की खबरों से एकजुटता दिखाते हुए प्रदर्शन किया और इसे जी न्यूज के रामनाथ गोयनका पुरस्कार विजेता, संपादक सुधीर चौघरी ने अपने फेसबुक पेज पर लगाया है। कैप्शन लिखा है:
जिसने किया महिला टीचर का सम्मान तार-तार, उसे मिला रामनाथ गोयनका सम्मान
Vineet Kumar : जी न्यूज के दागदार संपादक सुधीर चौधरी को 16 दिसंबर 2012 में हुए दिल्ली गैंगरेप की पीडिता के दोस्त का इंटरव्यू करने के लिए साल 2013 का रामनाथ गोयनका सम्मान दिया गया. ये सम्मान सुधीर चौधरी के उस पत्रकारिता को धो-पोंछकर पवित्र छवि पेश करती है जिसके बारे में जानने के बाद किसी का भी माथा शर्म से झुक जाएगा. पहली तस्वीर में आप जिस महिला के कपड़े फाड़ दिए जाने से लेकर दरिंदगी के साथ घसीटने,बाल नोचने के दृश्य दे रहे हैं, ये शिक्षक उमा खुराना है. इन पर साल 2007 में लाइव इंडिया चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन किया और लोगों को बताया कि ये महिला शिक्षक जैसे पेशे में होकर छात्राओं से जिस्मफरोशी का धंधा करवाती है. चैनल ने इस पर लगातार खबरें प्रसारित की.
शुक्र मनाइए सुधीर चौधरी सरकार के मीडिया सलाहकार नहीं हुए अन्यथा पुरस्कार लौटाने वाले तिहाड़ जेल में होते!
Vineet Kumar : जिस संपादक/एंकर को सलाखों के पीछे होना चाहिए उसे मालिक ने प्राइम टाइम में देश की डीएनए टेस्ट करने के लिए बिठा दिया है. ऐसे में जाहिर है कि वो पत्रकारिता नहीं, शोले के डायलॉग बोलेगा. शुक्र मनाइए कि ऐसा संपादक अभी तक मीडिया सलाहकार नहीं हुआ है..नहीं तो उलटे पुरस्कार लौटानेवाले लेखक तिहाड़ जेल में होते. उनपर राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाया जाता.
मोदी भक्ति का फल! सुधीर चौधरी को एक्स श्रेणी की सुरक्षा
जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी को मोदी भक्ति का फल मिल गया है. उन्हें एक्स कैटगरी की सुरक्षा केंद्र सरकार ने दी है. सुधीर चौधरी को नवीन जिंदल से सौ करोड़ रुपये की फिरौती मांगन के आरोप में गिरफ्तार कर तिहाड़ भेजा गया था. फिरौती मांगने का टेप जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के चेयरमैन नवीन जिंदल ने जारी किया था. सुरक्षा दिए जाने के बारे में बताया गया है कि सुधीर चौधरी को अंडरवर्ल्ड से धमकी भरा फोन काल आया है. एक्स श्रेणी की सुरक्षा के तहत अब सुधीर चौधरी चौबीसों घंटे दिल्ली पुलिस व अर्द्ध सैनिक बलों के जवानों की सुरक्षा में रहेंगे.
सुधीर चौधरी ने कुमार विश्वास को ‘कामुक कविराज’ कहा तो कुमार ने सुधीर को ‘तिहाड़ी’ करार दिया!
ट्विटर पर जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी और कवि व ‘आप’ के नेता कुमार विश्वास के बीच जबरदस्त आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. सुधीर चौधरी ने कुमार विश्वास को एक ट्वीट में ‘कामुक कविराज’ कहा तो कुमार विश्वास ने सुधीर चौधरी को ‘तिहाड़ी’ करार देते हुए पूछा कि उन्हें उनके घर के किस सदस्य ने कामुक जैसी गोपनीय जानकारी दी है. दोनों के आरोप-प्रत्यारोप संबंधी ट्वीट का स्क्रीनशाट यूं है…
चौधरी साब ने बजा दिया बाजा : छठें नंबर का चैनल हुआ ‘जी न्यूज’
एक अच्छा खासा न्यूज चैनल नए जमाने की धंधेबाज पत्रकारिता की सोहबत में पड़ा और देखते ही देखते पतन के पराकाष्ठा तक पहुंच गया. जिस जी न्यूज चैनल को लोग नंबर वन न्यूज चैनल की तरह ट्रीट करते थे और इसे नंबर वन न्यूज चैनल आजतक का प्रतिद्वंद्वी मानते थे, वह जी न्यूज अब छठें नंबर का न्यूज चैनल बन चुका है. इस सारे पतन के पीछे सिर्फ एक शख्स का नाम लिया जा सकता है और वह हैं सुधीर चौधरी. चौधरी साहब एजेंडा पत्रकारिता यानि सुपारी पत्रकारिता यानि रंगदारी पत्रकारिता के बादशाह माने जाते हैं. कभी जिंदल ग्रुप तो कभी कुमार विश्वास. कभी केजरीवाल तो कभी कोई अन्य.
ये पत्रकारिता है और “चौधरी” पत्रकार हैं!
Sheetal P Singh : क़रीब दो तीन बरस पहले जी न्यूज़ ने हफ़्तों कोयला घोटाले और उसमें जिन्दल ग्रुप की मिली भगत पर नान स्टाप कवरेज दी थी। आपको मालूम ही है कि बाद में एक स्टिंग सामने आया था जिससे पता चला था कि सुधीर चौधरी समेत जी न्यूज़ के आला अधिकारी और जी के मालिक सुभाष चन्द्रा नवीन जिन्दल से समाचार रोकने के लिये १०० करोड़ की राशि माँग रहे थे। उसमें मुक़दमा दर्ज हुआ। चौधरी लम्बे समय जेल में रहे, सुभाष चन्द्रा अग्रिम ज़मानत पर बचे और मुक़दमा जारी है।
नवीन जिंदल की शिकायत पर मानवाधिकार आयोग ने जी मीडिया की जांच के निर्देश दिए
नई दिल्ली । राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय से उद्योगपति नवीन जिंदल के खिलाफ ज़ी मीडिया की ओर से कथित तौर पर चलाए जा रहे नकारात्मक अभियानों की जांच करने को कहा है। आयोग ने कहा कि मंत्रालय इस बात की जांच करे कि क्या जी मीडिया अपनी दुश्मनी निकालने के लिए नवीन जिंदल के खिलाफ झूठी और उनके सम्मान को चोट पहुंचाने वाली खबरें प्रसारित कर अपने ब्रॉडकास्टिंग लाइसेंस का दुरुपयोग कर रहा है।
जी न्यूज व जी बिजनेस के आरोपी संपादकों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने का अनुरोध
पूर्व कांग्रेसी सांसद नवीन जिंदल ने बुधवार को आइटीओ स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय में पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी से मुलाकात की। शाम 5.30 बजे पुलिस मुख्यालय पहुंचे जिंदल ने बस्सी से मुलाकात कर जी न्यूज व जी बिजनेस के आरोपी संपादकों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने का अनुरोध किया। साथ ही उन्हें शीर्ष न्यायालय के आदेश की प्रति भी सौंपी, जिसमें न्यायालय ने दिल्ली पुलिस से जांच आगे बढ़ाने की बात कही है।
ब्रेकिंग न्यूज… सुधीर चौधरी की सेल्फी… ब्रेकिंग न्यूज… दीपक चौरसिया का हालचाल …
मैं आज के दिन को मीडिया के लिहाज से शर्मनाक दिन कहूंगा. पत्रकारिता के छात्रों को कभी पढ़ाया जाएगा कि 25 अक्टूबर 2014 के दिन एक बार फिर भारतीय राजनीति के आगे पत्रकारिता चरणों में लोट गई. धनिकों की सत्ता भारी पड़ गई जनता की आवाज पर. कभी इंदिरा ने भय और आतंक के बल पर मीडिया को रेंगने को मजबूर कर दिया था. आज मोदी ने अपनी ‘रणनीति’ के दम पर मीडिया को छिछोरा साबित कर दिया. दिवाली मिलन के बहाने मीडिया के मालिकों, संपादकों और रिपोर्टरों के एक आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए. देश, विदेश, समाज और नीतियों पर कोई बातचीत नहीं हुई. सिर्फ मोदी बोले. कलम को झाड़ू में तब्दील हो जाने की बात कही. और, फिर सबसे मिलने लगे. जिन मसलों, मुद्दों, नारों, आश्वासनों, बातों, घोषणापत्रों, दावों के नाम पर सत्ता में आए उसमें से किसी एक पर भी कोई बात नहीं की.
सुभाष चंद्रा, समीर अहलूवालिया, सुधीर चौधरी, रुबिका लियाकत पर सावित्री जिंदल ने लगाए गंभीर आरोप
भारत की सबसे अमीर महिलाओं में से एक सावित्री जिंदल ने जी ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा और जी न्यूज के सीईओ समीर अहलुवालिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने जी न्यूज पर आरोप लगाया है कि इस चैनल ने जानबूझकर ऐसी खबरें दिखाई जिनसे उनकी और उनके परिवार की छवि को खराब किया जा सके। 64 वर्षीय सावित्री जिंदल ने इलेक्शन कमीशन से शिकायत करते हुए कहा है कि जी न्यूज लगातार चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा है। अपनी शिकायत में उन्होंने सुभाष चंद्रा, हिसार से बीजेपी उम्मीदवार कमल गुप्ता, सीईओ समीर अहलुवालिया और जी न्यूज के एडिटर सुधीर चौधरी के साथ टीवी एंकर रुबिका लियाकत का भी नाम लिखा है। अपनी शिकायत में जिंदल ने कहा है कि सुभाष चंद्रा ने अपने चैनल पर उनके और उनके परिवार के बारे में आधारहीन और अपमानजनक बातें कहीं हैं। सावित्री जिंदल का आरोप है कि यह सब उन्होंने भाजपा उम्मीदवार कमल गुप्ता के कहने पर किया।
मार खाएं, घाटा हो जाए, फंस जाएं, सरकार बकाया निकाल दे तो पत्रकार हो जाएंगे
(File Photo Sanjay Kumar Singh)
Sanjaya Kumar Singh : कई मित्रों ने कहा कि राजदीप सरदेसाई की पिटाई पर मैंने नहीं लिखा। साथी Sumant ने कहा है, “…. हमारी खामोशी भी पत्रकारिता के गिरते स्तर की गुनहगार है संजय भाई …..।” सुमंत से असहमत होने का कोई कारण नहीं है। कैश फॉर वोट स्कैम और उसकी लापता सीडी का मामला आपको याद होगा। एक मामला मैं और याद दिलाता हूं। हर्षद मेहता ने एक कॉलम लिखना शुरू किया था और उसका हिन्दी अनुवाद मुझे हिन्दी के अखबारों में छपवाना था। उस समय कई संपादकों ने कहा था कि हर्षद मेहता का कॉलम नहीं छापेंगे। हर्षद मेहता होते तो आज अखबार या चैनल भी चला रहे होते और वो संपादक उनकी नौकरी बजा रहे होते। पर वो अलग मुद्दा है। उस समय इतनी नैतिकता तो थी इनमें।
राजदीप सरदेसाई के धतकरम के बहाने अपने दाग और जी न्यूज के पाप धोने में जुटे सुधीर चौधरी
सौ चूहे खा के बिल्ली चली हज को… जी न्यूज पर पत्रकारिता की रक्षा के बहाने हाथापाई प्रकरण को मुद्दा बनाकर राजदीप सरदेसाई को घंटे भर तक पाठ पढ़ाते सुधीर चौधरी को देख यही मुंह से निकल गया.. सोचा, फेसबुक पर लिखूंगा. लेकिन जब फेसबुक पर आया तो देखा धरती वीरों से खाली नहीं है. युवा मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार ने सुधीर चौधरी की असलियत बताते हुए दे दनादन पोस्टें लिख मारी हैं. विनीत की सारी पोस्ट्स इकट्ठी कर भड़ास पर प्रकाशित कर दिया. ये लिंक http://goo.gl/7i2JRy देखें. ट्विटर पर पहुंचा तो देखा राजदीप ने सुधीर चौधरी पर सिर्फ दो लाइनें लिख कर तगड़ा पलटवार किया हुआ है. राजदीप ने रिश्वत मांगने पर जेल की हवा खाने वाला संपादक और सुपारी पत्रकार जैसे तमगों से सुधीर चौधरी को नवाजा था..
जी न्यूज के दागदार संपादक और दलाली में जेल जा चुके सुधीर चौधरी पत्रकारिता की नसीहत दे रहे हैं राजदीप सरदेसाई को!
Vineet Kumar : जी न्यूज के दागदार संपादक और दलाली मामले में जेल जा चुके सुधीर चौधरी आज राज राजदीप सरदेसाई को पत्रकारिता कैसे की जाए, नसीहत दे रहे हैं. चैनल शाम से एकतरफा स्टोरी चला रहे हैं. #shameaAbroad को ट्रेंड बनाने की कोशिश में लोगों से प्रतिक्रिया मांग रहा है…. आलोक मेहता जैसे बुरी …
समीर अहलूवालिया के बाद अब क्या सुधीर चौधरी की बारी है?
जी न्यूज में अंदरखाने बदलाव का दौर शुरू हो चुका है. दागियों को किनारे करने की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है. हालांकि इस जी न्यूज का मालिक सुभाष चंद्रा खुद बहुत बड़ा दागी है लेकिन मीडिया मालिक खुद को कभी दागी नहीं मानते इसलिए वो खुदा बने रहते हैं और अपने नौकरों यानि अपने इंप्लाइज को दागी-बेदागी करार देकर दाएं-बाएं ठिकाने लगाते रहते हैं. जिंदल से पैसे लेकर खबर रोकने के मामले में जेल गए समीर अहलूवालिया को किनारे लगाए जाने की सूचना है.