मऊ जिले से खबर है कि पीटीआई और न्यूज नेशन के पत्रकार वंश बहादुर के खिलाफ पुलिस ने शराब के अबैध कारोबार को संरक्षण देने का मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में उन पर भारतीय दंड संहिता के साथ ही आबकारी अधिनियम की धाराएं भी लगाई गईं हैं।
ताजी सूचना के मुताबिक पुलिस आईपीसी की धारा 272, 273 120बी के साथ 60 आबकारी अधिनियम में आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया है।
वंश बहादुर सिंह मऊ जिले के थाना हलधरपुर के निवासी हैं। पुलिस ने पत्रकार के साथ कुल 4 लोगों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया है।
‘पत्रकार बंश बहादुर सिंह को बदनाम करने की रची जा रही साजिश‘
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के वरिष्ठ पत्रकार बंश बहादुर सिंह के ऊपर विगत दिनों हलधरपुर थाने में शराब बनाने के आरोप में एक मुकदमा दर्ज कर दिया गया था और चार्जशीट भी आनन फानन में दाखिल कर दी गई।
बताया जाता है कि यह सारा मुकदमा निवर्तमान थानाध्यक्ष नागर ने वंश बहादुर द्वारा खबर चलाने के उपरांत नाराजगी व बदले की भावना में दर्ज किया था।
वंश बहादुर सिंह करीब 15 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। ये जिले के वरिष्ठ पत्रकार माने जाते हैं। इन्होंने हलधरपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत थानाध्यक्ष के खिलाफ अपने न्यूज़ चैनल व न्यूज़ एजेंसी पर कई खबरें प्रसारित-प्रकाशित की थीं।
इससे नाराज थानाध्यक्ष ने पत्रकार वंश बहादुर सिंह के ऊपर अवैध शराब बनाने के कारोबार में मुकदमा दर्ज कर विवेचना रिपोर्ट न्यायालय को भेज दी। वंश बहादुर सिंह के जानने वालों का कहना है कि वंश बहादुर सिंह के नाम से न तो कोई भट्ठा चलता है और न ही वे इस तरह के कार्यों में संलिप्त रहे हैं.
इनका आरोप है कि यह फर्जी मुकदमा द्वेषवश गांव के कुछ राजनीतिक लोगों ने थानाध्यक्ष से मिलकर लिखाया है। इसमें वंश बहादुर सिंह को हाईकोर्ट से स्टे भी मिला हुआ है। ऐसे में एक पत्रकार को बदनाम करने की साजिश के तहत खेल खेला जा रहा है।