छत्तीसगढ़ में निष्ठावान पत्रकारिता करना कुछ दलाल पत्रकारों को नहीं हजम हो रहा ..इसीलिए इंडिया अहेड के पत्रकार श्रीप्रकाश तिवारी और टाइम्स नाउ नवभारत के रिपोर्टर जयप्रकाश त्रिपाठी को साजिश के तहत एफआईआर दर्ज कराकर उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश की जा रही है।
मामला यह है श्रीप्रकाश तिवारी और जयप्रकाश त्रिपाठी ने बोरियाकला में लगभग पौने 2 एकड़ जमीन लेकर ऑर्गेनिक खेती की तैयारी की। इस चीज को देख कर वहां के कुछ दलाल पत्रकार और बिल्डरों ने मिलकर साजिश करके बोरियाकला सरपंच के माध्यम से एक फर्जी एफआईआर दर्ज कराई गई।
इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ सरकार के कुछ अधिकारियों की रुचि दिख रही है क्योंकि श्रीप्रकाश तिवारी और जयप्रकाश त्रिपाठी लगातार अपनी स्वच्छ पत्रकारिता का झंडा कई वर्षों से छत्तीसगढ़ में गाड़े हुए हैं जिससे वर्तमान सरकार और पूर्व की सरकार को हजम नहीं हो रहा था और इस पूरे मामले में साजिश की बू आ रही है।
श्रीप्रकाश तिवारी और जयप्रकाश त्रिपाठी द्वारा उच्च स्तरीय जांच के लिए एसपी और आईजी को आवेदन दिया गया है। फर्जी f.i.r. कराने वालों पर कार्रवाई की माँग की गई है। प्रशासन द्वारा आश्वासन भी दिया गया है कि इस पर उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।
जयप्रकाश त्रिपाठी की शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की गई..इनके द्वारा भी मुजगहन थाने में शिकायत दर्ज की गई थी जिस पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई..
वहीं एक महीने पुराने खेत विवाद जो कि सिविल मामला है उस पर सरपंच को आगे कर इस तरह से फर्जी fir दर्ज कराई गई है जिससे पत्रकारों की छवि धूमिल हो सके..पूरे मामले पर उच्च स्तरीय जांच होती है तो साफ हो जाएगा कि सरकारी अधिकारी किस तरह से पत्रकारों पर दबाव डालने के लिए प्रयास करते हैं।
आपको बता दें कि जयप्रकाश वही पत्रकार हैं जो लगातार सड़क से सदन तक हर मुद्दे पर मंत्रियों को घेरे रहते हैं..
रायपुर से एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित!