दैनिक जागरण के नोएडा कार्यालय से जम्मू स्थानांतरित मुख्य उपसंपादक श्रीकांत सिंह ने जागरण प्रबंधन को दिया नोटिस. कार्मिक प्रबंधक रमेश कुमार कुमावत ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी राधे श्याम सिंह को दिए थे भ्रामक, गुमराह करने वाले और अपूर्ण बयान. जागरण प्रबंधन की दुर्भावनापूर्ण नीतियों के कारण श्रीकांत सिंह को ड्यूटी करने में पहुंचाई जा रही है बाधा. प्रबंधन की हठधर्मिता के विरोध में श्रीकांत सिंह लेंगे अदालत की शरण. पढ़ें, नोटिस में क्या लिखा गया है…
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Subject: Notice
श्री रमेश कुमार कुमावत जी
कार्मिक प्रबंधक, दैनिक जागरण
डी-210,11, सेक्टर-63, नोएडा।
मान्यवर,
दैनिक जागरण के नोएडा कार्यालय में आपके निर्देश पर मुझ पर हमला कराए जाने के संदर्भ में मुझे श्रम प्रवर्तन अधिकारी श्री राधेश्याम सिंह की जांच रिपोर्ट मिली है। उसमें आपके द्वारा दिए गए बयान भ्रामक और अपूर्ण हैं। आपने यह बताया ही नहीं है कि दैनिक जागरण के नोएडा कार्यालय में मेरे प्रवेश पर रोक किसने और क्यों लगाई है। आपने अधिकारी को बताया है कि मेरा तबादला दो वर्ष पूर्व किया गया और प्रतिष्ठान द्वारा स्थानांतरण रोके जाने संबंधी निर्देश से मैं आच्छादित नहीं हूं। आपका यह बयान भी असत्य, भ्रामक और गुमराह करने वाला है। मुझे तबादले का पत्र 28 दिसंबर 2013 को दिया गया, लेकिन आपकी लापरवाही, ढुलमुल रवैया और स्थानांतरण संबंधी डाटा समय पर जम्मू कार्यालय न भेजे जाने के कारण मैं वर्ष 2014 में जम्मू कार्यालय में ज्वाइन कर सका। इस आधार पर अभी मेरे तबादले के एक वर्ष भी पूरे नहीं हुए हैं। दूसरी बात यह कि प्रधान संपादक आदरणीय संजय गुप्त और महाप्रबंधक श्री नीतेंद्र श्रीवास्तव के निर्देशों का संदर्भ लें तो उससे यह कतई पुष्ट नहीं होता है कि मैं तबादला वापसी संबंधी निर्देशों से आच्छादित नहीं हूं। इस प्रकार आपके बयान मेरे प्रति आपकी दुर्भावना पुष्ट करते हैं।
पुन: बताना चाहता हूं किे जम्मू कार्यालय में मुझे तरह-तरह से प्रताडि़त किया गया और धमकाया गया, जिसके बारे में प्रबंधन को समय-समय पर अवगत कराता रहा हूं, लेकिन मेरी प्रताड़ना को रोकने के लिए प्रबंधन ने कोई कदम नहीं उठया। प्रताड़ना के कारण ही जम्मू में मेरा स्वास्थ्य बुरी तरह से खराब हो गया, जिसकी मेडिकल जांच रिपोर्ट मैंने दैनिक जागरण के नोएडा और जम्मू कार्यालय के प्रबंधन को उपलब्ध करा दी है। प्रबंधन की दुर्भावनापूर्ण नीतियों के कारण इस समय मैं ड्यूटी नहीं कर पा रहा हूं। इसलिए यह मेल मिलने के 24 घंटों के भीतर मुझे मेरे सवालों का जवाब दें और नोएडा कार्यालय में मेरी ज्वाइनिंग संबंधी मेल जारी करें, नहीं तो मेरा एक भी दिन का वेतन काटा गया तो मैं संपूर्ण क्षतिपूर्ति हासिल करने के लिए अदालत की शरण लेने को मजबूर हो जाऊंगा।
भवदीय
श्रीकांत सिंह
मुख्य उपसंपादक
संपादकीय विभाग, दैनिक जागरण