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घोषित प्रसार संख्या से कम संख्या में अखबार छापने की शिकायत पर शुरू हुई जांच

यूपी के जिले हरदोई जिले से डा. संपत लाल साहू हिंदी दैनिक शुभ उपकार और उर्दू दैनिक शुभ उपकार प्रकाशित करते हैं. इन समाचार पत्रों की आरएनआई जांच के बाद अब इन समाचार पत्रों की छपाई करने वाली प्रिंटिंग प्रेसें भी जांच की जद में आ गई हैं.

इन अखबारों के मालिकों और इनकी छपाई करने वाली प्रिंटिंग प्रेसों पर घोषित प्रसार संख्या से कम संख्या में समाचार पत्रों की छपाई करके फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाते हुए राजधानी के राजाजीपुरम निवासी संजय शर्मा ने एक शिकायत की थी. इसके बाद डीएम हरदोई ने जिला सूचना अधिकारी को इन अखबारों और अखबारों को छापने वाली प्रिंटिंग प्रेसों की जांच करने का आदेश दिया है.

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जिला सूचना अधिकारी ने 2 दिसम्बर को संपत लाल साहू से जवाब माँगा है और इसकी सूचना एक अलग पत्र के माध्यम से जिलाधिकारी हरदोई को भी दी है.

शिकायतकर्ता संजय शर्मा बताते हैं कि उनको शिकायत मिली थी कि लखनऊ निवासी संपत लाल साहू ने हरदोई से निकलने वाले हिंदी समाचार पत्र, RNI पंजीकरण संख्या UPHIN/2003/12001RNI टाइटल कोड UPHIN32967 के लिए अपना पता सूरी हाउस,गाँधी भवन के सामने, हरदोई ई-मेल [email protected] मोबाइल नंबर 8400606091 दिया है और इस समाचार पत्र की छपाई चार प्रिंटिंग प्रेसों क्रमशः प्रियदर्शिनी युवा कल्याण प्रिंटिंग प्रेस एलडीए कॉलोनी लखनऊ, पॉइंट ओफ़्सेट लखनऊ, शुभ उपकार प्रकाशन प्रिंटर्स लखनऊ और चकगति प्रेस हरदोई में होनी बताई है.

इसी नाम के दूसरे उर्दू समाचार पत्र , RNI पंजीकरण संख्या UPURD/2010/33730, RNI टाइटल कोड UPURD04384 के लिए साहू ने अपना पता B-74, आवास विकास कॉलोनी हरदोई ई-मेल [email protected] मोबाइल नंबर 9452275438 दिया है और इस समाचार पत्र की छपाई सात प्रिंटिंग प्रेसों रॉयल ऑफसेट प्रेस हुसैनगंज लखनऊ और अन्य 6 प्रेसों में होनी बताई गई है.

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संजय ने अपनी शिकायत में लिखा था कि साहू द्वारा उपरोक्त दोनों समाचार पत्रों की घोषित प्रसार संख्या के आधार पर समस्त सरकारी लाभ लिए जा रहे हैं किन्तु प्रिंटिंग प्रेसों के मालिकों और प्रबंधन के साथ मिलकर घोषित प्रसार संख्या से कम संख्या में समाचार पत्रों की छपाई करके अपने निजी लाभ के लिए सरकार के साथ धोखाधड़ी की जा रही है जिसकी जांच समाचार पत्रों के प्रसार के प्रमाणों, अखबार बेचने से प्राप्त धनराशि, प्रिंटिंग प्रेसों द्वारा छापे गए सभी अखबारों की संख्या के सापेक्ष प्रिंटिंग प्रेसों द्वारा खरीदे गए कच्चे माल, खर्ची गई बिजली, प्रिंटिंग मशीन की क्षमता, प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या व अन्य स्टाफ की संख्या आदि की अभिलेखीय जांच से की जा सकती है. इस पर डीएम हरदोई ने जांच कराने का निर्णय लिया है.   

संजय शर्मा के मुताबिक पी.आर.बी. अधिनियम 1867 के तहत समाचार पत्रों के अनियमित कृत्यों के सम्बन्ध में जांच कराने के लिए जिलाधिकारी सक्षम प्राधिकारी हैं. इसीलिए उन्होंने यह अनुरोध किया है कि इन समाचार पत्रों और प्रिंटिंग प्रेसों द्वारा मिलकर किये जा रहे फर्जीवाड़े की जांच कराकर समाचार पत्रों और प्रिंटिंग प्रेसों के खिलाफ अग्रेत्तर प्रशासनिक एवं विधिक कार्यवाही कार्यवाही की जाए.पत्रकारिता की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए फर्जी प्रसार संख्या दर्शाने वाले समाचार पत्रों और इन समाचार पत्रों के फर्जीवाड़े में सहयोग करने वाली प्रिंटिंग प्रेसों पर लगाम कसना अब समय की आवश्यकता है और इसी मुहिम के तहत शुभ उपकार अखबार का मामला एक टेस्ट केस की तरह उठाया है.

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