Manu Panwar-

शाजी जमां सर से बड़े लंबे अरसे बाद मिलना हुआ। भूतपूर्व ‘स्टार न्यूज’ के साथियों का शुक्रिया जिन्होंने स्टार न्यूज की लॉन्चिंग के 20 साल होने पर #starnewsreunion का शानदार आयोजन रखा। बड़ा जमघट लगा। देशभर से ‘स्टार’ के साथी पहुँचे।

शाजी सर से यहीं मिलना हुआ। शाजी सर टीवी न्यूज के भद्र संपादक रहे हैं। उनकी मिसाल अब भी दी जाती है। कल मिले तो यह पूछना नहीं भूले कि पढ़ाई-लिखाई कैसे चल रही है? उस दौर के ग्रुप एडिटर को अपना एक मामूली सा प्रोड्यूसर 9-10 साल बाद इस तरह भी याद है, ये जानकर अच्छा लगा।
2011-12 में जब मेरा पहला व्यंग्य संग्रह आ रहा था तो शाजी सर से उनके केबिन में जाकर मिला था। बातों-बातों में जब मैंने उन्हें बताया कि कुछ व्यंग्य यहीं न्यूजरूम से निकले हैं लेकिन वो किसी भी न्यूजरूम की दास्तान है, तो एक ठहाके के साथ हंसे थे।
बोले कि लोकार्पण किससे करवाओगे? मैंने कहा सर, इसी सिलसिले में आपसे राय लेने आया हूं। शाजी सर का साहित्यिक जगत में भी परिचय का दायरा बहुत अच्छा था। उन्होने ‘हंस’ वाले राजेंद्र यादव जी को फोन लगाया। बोले कि लड़का अच्छा लिख रहा है। इसको आपके प्रोत्साहन की जरूरत है। राजेंद्र यादव उनसे बोले कि आप रेकमंड कर रहे हैं तो मैं आ जरूर जाऊंगा लेकिन मेरा व्यंग्य में दखल नहीं है। इसलिए मेरे हाथ से विमोचन ठीक नहीं लगेगा।
शाजी सर ने कुछ देर सोचकर फिर सुधीश पचौरी जी को फोन लगाया। अब जरा उनका अंदाज देखिए। फोन पर बोले कि शुधीश जी मेरा नाम शाजी जमां है और मैं स्टार न्यूज में काम करता हूं। मेरे युवा सहयोगी हैं मनु पंवार। अच्छा व्यंग्य लिख रहे हैं। अगर इनके व्यंग्य संग्रह का विमोचन आपके हाथ से हो तो इस लड़के का हौसला बढ़ेगा। सुधीश जी तब कहीं यात्रा पर निकल रहे थे तो आ नहीं पाए थे। आगे की कहानी लंबी है।
शाजी सर का अपना आभामंडल रहा है। लेकिन वो बड़े सरल और सहज आदमी हैं। उनके भीतर एक धाकड जर्नलिस्ट विराजता है। 2014 के चुनाव के दौरान तब के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी से शाजी सर के इंटरव्यू की एक क्लिप अक्सर वायरल हो जाती है, जिसमें शाजी सर ने सीधे पूछ लिया था, क्या आपसे मीडिया को डरना चाहिए?
अपर्णा द्विवेदी-
यादें… स्टार न्यूज़ का रीयूनियन था। कई चीन्हे अन चीन्हे लोग मिले। कुछ लोग मेरी यादों में थे, कुछ लोगों की यादों में मैं थी। अच्छा लगा। आयोजन अच्छा था। इस आयोजन की पहल करने वाले सारे लोगों को बधाई। #starnewsreunion
अमित भाटिया-
2007 में जब journalism किया तो लगता था बस एक बार स्टार न्यूज के ऑफिस को अंदर से देख लें…नौकरी छोड़ो इंटर्नशिप भी दूर की बात थी लेकिन फिर campus placement से नौकरी लगी..हम स्टार बने…

आज स्टार को 20 साल हो गए…आज स्टार न्यूज के सब लोग फिर से मिलकर पुराने दिनों को याद किए जब हम स्टार थे…
धर्मेंद्र के सिंह-
स्टार न्यूज़ के साथियों के साथ यादगार लम्हे… तक़रीबन 2 दशक पुरानी यादें ताज़ा हो गईं…
मीनाक्षी कंडवाल-
बहुत लेट हुआ पोस्ट करने को। लेकिन वाह क्या रात थी वो.. मेरी प्रोफेशनल लाइफ का सबसे बड़ा ब्रेकथ्रू जो स्टार न्यूज (2010) ने मुझे दिया था। ओह माई गॉड… बता नहीं सकती.. स्टार एंकर हंट की ट्रॉफी जीतने के बाद पूरी रात मैं सोई नहीं थी.. और इवेंट से निकलने के बाद मैंने रात अकेले बिताई थी.. मेरे कानों में सीटियों का, चीयर्स का, बधाईयों का शोर था। क्या कोई होगा ऐसा जो अपने पैरेंट्स को स्टार एंकर हंट जीतने के बाद (एक फ्रैशर 23 साल की लड़की जिसे स्टार न्यूज ने 3 साल की एंकरिंग जॉब और एक चमचमाती फोर्ड फीगो कार अवॉर्ड की थी) कहे कि आप जाइये, मुझे कुछ वक्त अपने साथ बिताना है.. और उसके बाद मैं जिस गेस्ट हाउस में मैंने करीब 2 महीने बिताए थे.. वहां अकेले रुकी। क्योंकि मुझे अकेले उन क्षणों को महसूस करना था कि जिंदगी एक रात में कहां से कहां ले आई है।
अगले दिन सारे अखबारों में मेरी तस्वीर थी, मैं स्टार न्यूज पर एंकरिंग कर रही थी.. और मेर घर-परिवार-गांव में पहली लड़की जो टीवी पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही थी। सब बोल रहे थे कि हम जानते हैं.. हमारे बेटी है, बहन है, दोस्त है, गांव की है। एक झटके में एक चेहरे के साथ कितने जीवन, कितने भाव और कितने अरमान जुड़ गए थे। स्टार न्यूज के बीस सालों ने कितने जीवन बदले होंगे… मेरा और मुझसे जुड़े लोगों का भी उनमें से एक है। स्टार न्यूज एक क्रांति थी।
सफर जारी है.. लेकन इस ट्रॉफी को जब देखती हूं, दिल तमाम निराशाओं से निकलकर फिर धड़कने लगता है..अभी ये लिखते हुए एक उम्र मेरे सामने जवां है and night is beautiful पूरी कहानी फिर कभी.. बहुत मसाला है otherwise #StarNewsReunion2023 #StarNews
सौजन्य- Fb
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