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उत्तर प्रदेश

सीधे और सीनियर पत्रकारों का सूचना विभाग अंबेडकरनगर करता है शोषण

अम्बेडकरनगर के जिलाधिकारी के नाम एक पत्रकार का पत्र

प्रतिष्ठा में,
श्री सुरेश कुमार जी
(आई.ए.एस.)
जिलाधिकारी- अम्बेडकरनगर (उ.प्र.)

विषय:- सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग अम्बेडकरनगर के अधिकारियों व कर्मचारियों की दोहरी नीति के सम्बन्ध में।

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महोदय,

आपको सादर अवगत कराना है कि मैं भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी अम्बेडकरनगर जिले का निवासी हूँ, और विगत 4 दशक से अधिक की अवधि से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। वर्तमान में हिन्दी समाचार-पत्र दैनिक मान्यवर के अम्बेडकरनगर स्थित कार्यालय का प्रभारी हूँ।

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महोदय, जिले के सूचना विभाग में कार्यरत कर्मचारी व अधिकारी मुझ जैसे वरीय पत्रकार की अनदेखी करते रहते हैं, क्योंकि मैं इनके द्वारा अपेक्षित और वांछित जरूरतों को पूरी नहीं कर पाता हूँ।
मुझे मालूम है कि वर्ष- 2004 (जनपद विघटन वर्ष) से यह विभाग एक तरह से नेतृत्व विहीन चल रहा है और हिन्दी अनुवादक मो. वसीम खान तथा प्रभारी सूचनाधिकारी श्री जे.पी. सिंह द्वारा एन-केन-प्रकारेण पत्रकारों से सम्बन्धित विभागीय कार्यों का निष्पादन किया जा रहा है, जिसे मात्र एक औपचारिकता ही कहा जा सकता है।

सूचना विभाग अम्बेडकरनगर में उपरोक्त दो पदों के अलावा एक कंप्यूटर ऑपरेटर एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व एक सहयोगी कर्मचारी की नियुक्ति की गई है। इन लोगों की कार्यशैली देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि ये किसी अति महत्वपूर्ण विभाग के कर्मचारी होंगे। अजय कुमार मौर्या, सचिन कुमार व पुष्पेन्द्र शर्मा की टीम का नेतृत्व मो. वसीम खान द्वारा किया जाता है। प्रभारी के रूप में कार्यरत श्री जे.पी. सिंह जिला युवा कल्याण अधिकारी के मूल पद पर नियुक्त हैं और शीघ्र ही सेवानिवृत्त होने वाले हैं।

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यह टीम और उसके सदस्य कुछ इस तरह का कार्य-व्यवहार करते हैं जिसे सर्वथा अनापेक्षित ही कहा जाएगा। जे.पी. सिंह साहब एक सीनियर सरकारी अधिकारी हैं, इनका अलग ही मिज़ाज है वहीं मो. वसीम खान (हिन्दी अनुवादक) को विभाग की ए.बी.सी. तक का ज्ञान नहीं, और मिथ्यावादी भी हैं। इनके अलावा अजय कुमार मौर्या, सचिन कुमार व पुष्पेन्द्र शर्मा आदि के बारे में बस इतना ही कहा जा सकता है कि ये लोग सूचना विभाग के कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में खानापूर्ति एवं मासिक वेतन/मानदेय लेने के लिए ही उपस्थिति पंजीका पर अपने हस्ताक्षर करते हैं।

महोदय, आपको बताना चाहूँगा कि जब-जब ऐसे कार्यक्रम का आयोजन होता है जिसमें पहुँचकर संवाद संकलित करना होता है और उसके लिए जिला प्रशासन द्वारा प्रेस पास जारी किया जाता है तब-तब मो. वसीम खान से लेकर अन्य सभीं ऐसे पत्रकारों तवज्जो नहीं देते हैं जो इनका चहेता न हो। बीते 12 मई 2019 को हुए मतदान के दिन 55-अम्बेडकरनगर लोकसभा क्षेत्र की पाँचो विधान सभाओं में जाकर समाचार-संकलन करने हेतु मैंने मो. वसीम खान एण्ड कम्पनी से प्रेस-पास की मांग किया था, तब उन्होंने स्पष्ट कहा था कि इस बार जिला प्रशासन किसी को भी प्रेस-पास जारी नहीं कर रहा है। और मैं खामोश हो गया। साथ ही क्षेत्र में भ्रमण कर एक सक्रिय पत्रकार की तरह ईमानदारी से समाचार-संकलन करने से वंचित रह गया।

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महोदय, मुझे आशंका ही नहीं अपितु पूर्ण विश्वास है कि 23 मई 2019 को मतगणना स्थल स्थित मीडिया सेन्टर तक पहुँचने के लिए भी सूचना विभाग की टीम अवसर नहीं प्रदान करेगी। अस्तु:-
आपसे अनुरोध है कि आप अपने अतिव्यस्त समय में से कुछ क्षण निकाल कर इस पत्र को पढ़ें ताकि मेरी और मुझ जैसे पत्रकारों की समस्या का कुछ हल निकल सके और सूचना विभाग द्वारा किये जा रहे शोषण से निजात मिल सके। आपकी महती कृपा होगी।

सादर!
भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी

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वरिष्ठ नागरिक/पत्रकार
ब्यूरोचीफ- दैनिक मान्यवर (हिन्दी समाचार-पत्र)
अकबरपुर- अम्बेडकरनगर (उ.प्र.)
9454908400

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