आईएएस स्टिंग केस में फंसे उमेश कुमार पर दर्ज हुआ राजद्रोह का मुकदमा…. ब्लैकमेलिंग के आरोपी समाचार प्लस चैनल के सीईओ उमेश शर्मा के खिलाफ रांची पुलिस ने राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है. उमेश पर आरोप है कि उन्होंने झारखंड के एक नेता (किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष अमृतेश सिंह की) से उत्तराखंड की सरकार के खिलाफ साक्ष्य मांगे थे.
जब नेता ने बताने से मना किया तो उन्हें झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी. इसके बाद रांची पुलिस ने भी दून पुलिस से संपर्क साधा है. चर्चा है कि जल्द ही रांची पुलिस उमेश के बी वारंट के लिए देहरादून आ सकती है.
उमेश शर्मा के खिलाफ देहरादून के राजपुर थाने में 10 अगस्त को ब्लैकमेलिंग के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद गत एक नवंबर को भी राजपुर पुलिस ने ब्लैकमेलिंग और जान से मारने की धमकी देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया था. उमेश के खिलाफ पहले से ही रायपुर थाने में साल 2007 से एक मुकदमा चल रहा था. देहरादून में इन तीन मुकदमों के बाद अब झारखंड की राजधानी रांची के अरगोड़ा थाने में वहां के किसान मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष अमृतेश सिंह की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
अमृतेश सिंह का आरोप है कि उमेश शर्मा ने उन्हें व्हाट्सएप से कॉल कर उत्तराखंड सरकार के खिलाफ ऐसे साक्ष्य मांगे थे, जिससे कि सरकार अस्थिर की जा सके. इसके बाद उसने कई मैसेज भी भेजे, लेकिन उन्होंने ऐसी कोई जानकारी होने से इंकार कर दिया.
अरगोड़ा थाना इंस्पेक्टर रतिभान सिंह ने बताया कि अमृतेश के इंकार के बाद शर्मा ने उन्हें धमकी दी कि वह उसे ईडी की जांच में फंसा देगा. इसके अलावा उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी गई. अमृतेश सिंह के मोबाइल से स्क्रीनशॉट और अन्य साक्ष्य ले लिए गए हैं. उन्होंने बताया कि वे देहरादून पुलिस के संपर्क में भी हैं, जल्द ही इस मुकदमे में अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत झारखंड के विधानसभा चुनावों में प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे. आरोप लगाने वाले अमृतेश सिंह के ताल्लुकात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से ठीकठाक माने जाते हैं.
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