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उत्तर प्रदेश

वर्दी में गुंडई (4) : रैकेटबाज थानेदार सत्येंद्र राय की दल्लागिरी की कहानी, पीड़ित सिंहासन चौहान की जुबानी

सामाजिक कार्यकर्ता और आरटीआई एक्टिविस्ट सिंहासन चौहान

बलिया के भीमपुरा थाने की कार्यशैली व मेरी गिरफ्तारी (पार्ट-1)

मैं सिंहासन चौहान पुत्र भदन उर्फ बुद्धन चौहान. मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता व RTI एक्टिविस्ट हूँ। मेरी वजह से कुछ भ्रष्टाचारियों व लुटेरों को परेशानी होती है. इसकी वजह से मुझे झूठे केस में फंसाया गया है. जबकि घटना के समय मैं गाँव में मौजूद नहीं था. सुनिए पूरी कहानी. 23 मई 2019 को मऊ से लखनऊ के लिए 15007 EXP में मेरा व मेरे बहनोई का टिकट रिजर्व था. टिकट RAC में था. मगर चार्ट तैयार होते समय कन्फर्म हो गया था. हमें SE1 में बर्थ 53 व 54 अलॉट हुई. मैं और मेरे बहनोई हरिंद्र चौहान 24 मई को लखनऊ पहुंचे.

हम एक रिश्तेदार मोती सिंह चौहान के यहाँ अपने लड़के की शादी की तारीख पक्की करने के सिलसिले में गए थे जिसकी सगाई पिछले साल 18 जून को लखनऊ में ही हुई थी. 24 मई को हमारा वापसी का टिकट था. 15008 कृषक एक्सप्रेस में ये टिकट भी RAC में ही था. मगर यात्रा वाले दिन कन्फर्म हो गया था. हमें S8 में बर्थ 3 व 8 अलॉट हुई. 25 मई 2019 को सुबह 10 बजे के लगभग कृषक एक्सप्रेस व लिच्छवी एक्सप्रेस का कीडीहीरापुर रेलवे स्टेशन पर क्रासिंग थी. ये बात रेलवे रिकॉर्ड से पता की जा सकती है. मेरे खिलाफ जो शिकायत की गयी है उसमें सुबह चार बजे का समय दिखाया गया है जबकि मैं सुबह 10 बजे के लगभग अपने स्टेशन पर पहुंचा हूँ.

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26 मई 2019 को शाम 5 बजे के लगभग मैं अपने दरवाजे पर बैठा हुआ था कि एक SI श्री कलाप कलाधर त्रिपाठी व एक महिला कांस्टेबल मोटर साइकिल से गुजरे. मैंने उन्हें हाथ देकर रोक लिया. SI मुझे पहचानते थे. वे बोले- चौहान जी आपके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है. मैं बोला- सर अगर मैं सही हूँ तो मेरे खिलाफ पचासों मुकदमें दर्ज होते रहें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. वो बोले- आपके ऊपर छेड़खानी का मुक़दमा दर्ज हुआ है. मैंने उन्हें अंदर आने के लिए कहा और पूछा किसने दर्ज करवाया है? वो बोले सुग्रीव की औरत ने लिखवाया है. ये सुग्रीव की औरत कौन है, इसका डिटेल बाद में लिखूंगा. मैंने पूछा ये कब की घटना है? वो बोले 25 मई 2019 की सुबह चार बजे की घटना है. सुनकर मैं बहुत हैरान हुआ क्योंकि उस समय मैं ट्रेन में था बल्कि उस दिन दस बजे के लगभग मैं अपने स्टेशन कीडीहीरापुर पहुंचा हूँ.

SI श्री त्रिपाठी जी बोले, चौहानजी आप तो शरीफ आदमी हैं, आपके बारे में कौन नहीं जानता है… ग्राम प्रधान से भी बात हुई थी.. वो भी यही बता रहे थे कि शरीफ व मरीज आदमी हैं, कोई धक्का भी दे देगा तो गिर जायेगा, वो छेड़खानी कैसे करेगा? SI बोले मुझे भी ये फर्जी ही लगता है, मगर जब मुकदमा दर्ज हो गया है तो हमें जांच तो करनी ही पड़ेगी. हम उसी औरत का बयान लेने गए थे. ठीक है, हम आपको गिरफ्तार नहीं कर रहे हैं. जब कागजी कार्यवाही पूरी कर लेंगे तो आपको फोन कर देंगे. आप अपने वकील से बात कर लीजियेगा. आपको कोर्ट लेकर जाएंगे और साथ साथ जमानत हो जाएगी. वो मेरा मोबाइल नंबर लिए और चले गए.

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28 मई 2019 को घर से दुकान के लिए निकला. भीमपुरा बाज़ार में मेरी वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर की दुकान हैय. अपनी पत्नी लीलावती को बोला कि मैं दुकान जा रहा हूँ, SO से मिलता जाऊँगा और उसको हकीकत बता दूंगा. लगभग साढ़े दस बजे सुबह मैं थाना भीमपुरा गया. SO श्री सतेंद्र कुमार राय शिकायतें सुनने के लिए अपनी सीट पर बैठे हुए थे. मैं उनके सामने वाली कुर्सी पर बैठ गया और बोला सर सुना है मेरे खिलाफ मुक़दमा दर्ज हुआ है? वो बोले- अरे आपके ऊपर मुक़दमा दर्ज है, आप थाने में कैसे आ गए? मैं बोला सर उसी सम्बन्ध में आया हूँ आपको सच्चाई बताने कि मेरे ऊपर फर्जी मुक़दमा दर्ज करवाया गया है और जो घटना का दिन और समय दिखया गया है, उस समय मैं ट्रेन में था. इंटरनेट से बुक की हुई टिकट का अधिकतर लोग प्रिंट नहीं निकलवाते हैं. IRCTC का मैसेज ही टिकट का काम करता है और वो मान्य है. मेरी टिकट मेरे मोबाइल में थी, मैं अपने मोबाइल में उन्हें टिकट दिखाने लग गया मगर उन्होंने टिकट देखने से इंकार कर दिया. बोले- मुझे कुछ नहीं देखना है. फिर वो थाने के स्टाफ को बोले- इन्हे अंदर करो. उन्हें पहले से भी मालूम था कि मैं एचआईवी पाजिटिव का मरीज हूँ. फिर भी मैंने उन्हें बताया सर आपको मालूम है मैं HIV+ का मरीज हूँ और ये सब चीजें मैं सोच भी नहीं सकता. मगर उन्होंने मेरी कोई भी बात सुनाने से इंकार कर दिया और सिपाही को बोले- इन्हें हिरासत में ले लो. एक सिपाही जो पहरा पर था, मुझे बोला, चलिए. मेरी मजबूरी थी, मुझे हिरासत में जाना ही था. मैं उसके साथ चला गया. उन्होंने मुझे ले जाकर ऑफिस में बिठा दिया.

उसके बाद मैंने अपने भाई सतीश को फोन कर बताया कि पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया है. थाने आकर मेरी गाडी ले जाओ. फिर वहीं से 1:02 बजे फेसबुक पर पोस्ट डाली कि भीमपुरा पुलिस ने फर्जी मामले में मुझे गिरफ्तार किया है. उसके बाद मैंने अपने ट्विटर अकाउंट @chauhans11 से 11:06 पर @balliapolice, @dgpup व @yasbhadas को ट्वीट किया पुलिस ने फर्जी मामले में किया गिरफ्तार. उसके बाद 11:06 पर ही DIG आजमगढ़ को भी ट्वीट कर फर्जी गिरफ्तारी की जानकारी दी. उसके बाद मैंने अपने मोबाइल नंबर 7905831166 या 9839932064 से SP बलिया को 11:13 बजे फोन किया और बोला सर भीमपुरा पुलिस ने मुझे फर्जी मामले में गिरफ्तार किया है, मैंने अपना नाम पता और थाना बताया. वो बोले ठीक है, मैं SO से बात करता हूँ. फिर उसके बाद मैंने DIG आजमगढ़ को व्हाट्सअप किया ‘पुलिस ने झूठे मुकदमे में गिरफ्तार किया, बलिया की भीमपुरा पुलिस रंडियो की तरह पैसे पर बिक रही है, पुलिस से पैसे के बल पर मुक़दमा लिखाया गया है.’ थोड़ी देर बाद SO भीमपुरा थाने में आये और मेरे हाथ से मेरा मोबाइल छीनकर मुंशी के पास फेंक दिए और बोले- तुम्हें यहां मोबाइल चलाने के लिए किसने बोला.

…जारी….

सिंहासन चौहान बलिया के सोशल एक्टिविस्ट और आरटीआई कार्यकर्ता हैं. बलिया के भीमपुरा थाने के थानेदार सत्येंद्र कुमार राय की दल्लागिरी के चलते उन्हें दो महीने से ज्यादा वक्त तक फर्जी मुकदमें में जेल में रहना पड़ा. सिंहासन चौहान जेल से छूटने के बाद सिलसिलेवार ढंग से अपनी कहानी भड़ास4मीडिया पर बयान कर रहे हैं.

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दल्ला थानेदार

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