‘सुना है, शहर में फिर बलात्कार हुआ है…’
जैसे लग रहा इस देश में रेप, गैंगरेप, पीड़िता को जलाने, पीड़िता को दोषी बताने, पीड़िता को जेल भेजने जैसी घटनाओं की लाइन लगी है…
डा. प्रियंका रेड्डी के मामले के ठीक बाद यूपी के उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता को उन्हीं आरोपियों ने जेल से छूटने से बाद जला दिया जिनने रेप किया था…
इन घटनाओं से पढ़े-लिखे संवेदनशील लोग स्तब्ध हैं….
सरकारें जैसे सो रही हों…
शासन प्रशासन की भूमिका अच्छी नहीं दिख रही…
कहीं पीड़िता पर ही आरोप लगा दिया जाता है कि वह सौ नंबर क्यों नहीं डायल कर पाई… तो कहीं, सत्ता के संरक्षण में ही रेपिस्ट पीड़िता को जलाने मारने का काम कर रहे हैं…
इस माहौल में हर कोई अपने अपने तरीके से भावनाओं को प्रकट कर रहा है…
वरिष्ठ पत्रकार और फिल्मकार विनोद कापड़ी ने बलात्कार को लेकर चंद लाइनें लिखीं और उन लाइनों को तराशा वरिष्ठ पत्रकार और हिंदुस्तान अखबार के संपादक प्रताप सोमवंशी ने.
इसके बाद विनोद कापड़ी ने कविता पढ़ते हुए एक छोटा-सा वीडियो रिकार्ड किया और ट्वीटर पर पोस्ट कर दिया, इस अपील के साथ कि अगर कविता दिल को छुवे तो इसे आगे बढ़ाएं, दूसरों को सुनें-सुनाएं…
ये वीडियो कविता अब तक दस हजार बार से ज्यादा देखी-सुनी जा चुकी है और सैकड़ों लोगों ने शेयर-ट्वीट किया है…
आप भी देखें-सुनें…. नीचे दिए वीडियो पर क्लिक करें-
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