Samar Anarya : बड़ी ब्रेकिंग: वोडाफ़ोन ने भारत में अपना पूरा निवेश समेटने का निर्णय लिया, कंपनी किसी भी वक़्त भारत से व्यापार समेट निकलने को तैयार।
भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत पर कितनी शानदार टिप्पणी- ख़ासतौर पर इसलिए क्योंकि वोडाफ़ोन ने साफ़ साफ़ मोदी सरकार की क्रोनी कैपिटलिस्ट (दलाल पूँजीवादी) नीतियों को अंबानी की जियो को फ़ायदा पहुँचाने को इस हालत का ज़िम्मेदार बताया है।
ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजीनेस रैंकिंग और ऊपर जानी चाहिए अब- विदेशी निवेशकों का भारतीय अर्थव्यवस्था में विश्वास भी बढ़ेगा। हाहाहा! चलो भक्तों- नेहरु- कांग्रेस- जेएनयू जिसको मन करो दोषी ठहराओ!
72 साल में एक और पहली पहली बार में ईस्ट इंडिया कंपनी के बाद किसी विदेशी कंपनी ने पहली बार भारत सरकार को चेतावनी दी-
वोडाफ़ोन ने मोदी सरकार को कि अंबानी के जियो को फ़ायदा पहुँचाने वाली नीतियाँ बंद नहीं हुईं तो वो भारत में एक पैसा और निवेश नहीं करेगी।
लाखों और नौकरियों के जाने की तैयारी करिए- उनमें से बहुतेरे उनकी भी जो आज अभी इस वक्त जेएनयू को गरिया रहे हैं!
वोडाफ़ोन अभी 13,520 लोगों को सीधा रोज़गार दे रही है। इसके अलावा कम से कम 1 लाख और होंगे जो उसके साथ अन्य तरीक़ों से जैसे टावर ऑपरेटर, रिचार्ज विक्रेता आदि जुड़े हुए हैं।
इनमें से ज़्यादातर भी कड़े वाले नव देशभक्त हैं। ईश्वर करे कि वोडाफ़ोन चली भी जाए तो भी इनका करदाता स्टेटस बचा रहे, कार और घर की ईएमआई का जुगाड़ होता रहे।
वोडाफोन कंपनी की खुद की सालाना रपट उसकी वेबसाइट पर जाकर देख लें और पता कर लें कि यह कंपनी अगर भारत से कारोबार समेटती है तो अर्थव्यवस्था की कितनी चपत लगने वाली है- कितने लोगों को भी!
लेखक और सोशल एक्टिविस्ट अविनाश पांडेय समर की एफबी वॉल से.
One comment on “वोडाफोन भारत से व्यापार समेट निकलने को तैयार!”
भाई मेरे , ये वोडा सरकार को ब्लॅकमेल कर राही है ताकी ये पेनल्टी देने से बच जाये जो कोर्ट ने लागायी है. जिओ तो सिर्फ बहाना है. जरा अपनी जानकारी दुरुस्त किजीए , मोदी को कोसने के लिये और भी बहुत वजह मिल जायेगी.