Yashwant Singh : अपने सपने खुद ही पूरे कर लो. किसी प्रभु के इंतजार में बैठकर दिन जाया न करें. देखिए हमें जरा. प्रिंट मीडिया का आदमी रहा हूं. अखबारों में काम करते हुए उन दिनों कभी कभी टीवी में जाकर एंकर वेंकर बनने के लिए मन मचलता था. पर बन गया भड़ासी. सो न्यूज पढ़ते हुए शकल दिखाने के उस बचपने वाले सपने को अब पूरा कर रिया हूं.
डिजिटल मीडिया के दौर में हर कोई एंकर है.
तो हम क्यों पीछे रहें भला!
जब साठ पार वाले Sheetal P Singh भइया ‘सत्यहिंदी’ के स्क्रीन पर गदर काट रहे हैं तो हम चालीस पार वाला नौजवान काहें पीछे रहूं! 🙂
एक खबर आई कानपुर से तो सोचा कि उसे लिखकर पोस्ट कर दूं. फिर लगा कि चलो इस खबर को वीडियो फार्मेंट में देते हैं. जैसे एंकर महाराज लोग पढ़ते हैं खबर, वैसे बका जाए फिर खबर का विजुवल दिखाया जाए. तो हमने कर दी मेहनत.
देखिए जरा. हम थोड़े अलग टाइप के एंकर लग रहे हैं न 😃
हमारा स्क्रीन थोड़ा ब्लैक ब्लैक सा रहता है… हम भी थोड़ा ब्लैक ब्लैक सा दिखते हैं… ये मुझे पसंद है…
चमचमाते एलीट एंकरों वाले इस दौर में हम जैसे कुछ दलित एंकर भी तो होने चाहिए…. है कि नहीं…. 🙂
देखें एंकरिंग का वीडियो…
भड़ास फाउंडर एंड एडिटर यशवंत की एफबी वॉल से.
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One comment on “भड़ासी यशवंत बन गए एंकर!”
लगे रहो बबुनी।