Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

जिसे कोई डर से नहीं लिखना चाहता, उसे यशवंत बिना डरे लिख देते हैं!

विनय मौर्या-

हुकूमत और उसके शागिर्द अब हक़ीक़त दिखाने वालों के पीछे हाथ धोकर पड़े हैं। वह हर उस मुँह को बन्द कर देना चाहते हैं जो उससे सवाल करे। वह हर एक हाथ को मरोड़ देना चाहता है जो उसे आईना दिखाये।

Advertisement. Scroll to continue reading.

चित्र में बाएं से दूसरे नम्बर पर दिख रहे शख्स का नाम यशवंत सिंह है तीसरे पर मैं। यह मूलतः गाजीपुर से हैं मगर लम्बे समय से दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। अगर आप पत्रकार बिरादरी से नही हैं, तो हो सकता है इन्हें न जानते हों। मगर हम और हमारी सोच जैसे कई पत्रकारों के आदर्श हैं। कम से कम मेरे तो हैं ही।

(तस्वीर एक दशक पुरानी है)

यह कई नामचीन अखबारों में बतौर संवाददाता से लेकर संपादकीय टीम का हिस्सा रहे हैं। चूंकि यह पत्रकारिता के समझौतावादी जमात से नहीं हैं। इसलिए उन अखबारों को टाटा-बाय बाय कर एक दशक से अपना खुद का न्यूज पोर्टल #भड़ास4मीडिया चलाते हैं।

मैं लंबे अरसे से इनको पढ़ता आ रहा हूँ। जादुई लेखन शैली के पत्रकार हैं। और सबसे बड़ी बात फक्कड़ घुमक्कड़ और बेपर्दा टाइप के इंसान हैं। यह कितने पत्रकारों और शोषित पीड़ित को अपनी कलम से न्याय दिला चुके हैं, उसकी गिनती नही है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

यह पत्रकारिता के उस जमात का हिस्सा हैं जो जनहितार्थ पत्रकारिता करता है। और बजाय किसी कारपोरेट उद्योगपति से कोई आर्थिक लाभ लेने के आम जनता से सहयोग मांग लेते हैं। क्योंकि कारपोरेटर चंदा देगा तो उसकि अपेक्षा होती है वह पत्रकार उसके समर्पण और सहयोग में कलम चलाये। और उसके गड्ढे को झील दिखाए।

मैं भी उसी राह पर चलता आ रहा हूँ। अखबार शुरू किया है तो कारपोरेटर से कोई मदद नही मांग रहा। बल्कि आम जनता अपने लोगों से सहयोग मांग रहा। मेरा मानना है कि अखबार एक सामाजिक कार्य है और यह कोई लाभ वाला व्यापार नही है। बल्कि आर्थिक नुकसान वाला कार्य है। मेरा एक उसूल है। मैं जिसका सहयोग लेता हूं। उसका ताउम्र कृतज्ञ रहता हूँ। मैं उसके खिलाफ जा ही नही सकता । इसलिए कोशिश यही रही कि अपने परिचित मित्र शुभचिंतक आम या खास से सहयोग की अपील करता हूँ। उनके आगे ही हाथ फैलाता हूं । जबकि भ्रष्टाचार के जितने खुलासे करता आया हूँ उतना मैनजे कर लिया होता तो मजे से अखबार भी चला लेता और परिवार भी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

खैर उसपर जिक्र विषयांतर हो जाएगा। इसलिए यशवंत सिंह पर आते हैं। यशवंत लड़ाकू और लहगर पत्रकारों में से हैं। इनकी अक्सर खबरों को लेकर पंगेबाजी हो जाती है। जो कोई डर से नहीं लिखना चाहता। वो यशवंत बिना डरे लिख देते हैं।

दो दिन पहले का मामला है। यशवंत सिंह पर गम्भीर धाराओं में साज़िशन मुकदमा कराया जाता है। दिल्ली पुलिस यशवंत सिंह को पूछताछ के लिए बुलाती हैं और उसका रवैया बेहद घिनौना होता है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

यशवंत सिंह से वह पुलिस वाले ऐसा बर्ताव करते हैं जैसे कोई हार्डकोर अपराधी हों। उनका मोबाइल जब्त कर लिया जाता है। उनपर आरोप लगता है कि फला व्यक्ति से वह खबर के एवज में वह किसी एप के माध्यम से 25 हजार रुपये मांग रहे थे। जबकि उस एप को उन्होंने कभी इंस्टाल भी नही किया था। मने उनकी मंशा यह थी कि किसी तरह यशवंत सिंह अर्दब में आ जायें।

मगर मैं बता देना चाहूंगा उन हुक्मरानों और उनसे शागिर्दगी रखने वालों को यशवंत वो शख्सियत है जो तुमसे पावर पहुँच पैसे में भले ही शक्तिशाली न हो। मगर लड़ने का पूरा माद्दा है। जरूरत पड़ी तो हम भी आएंगे। यशवंत भईया के साथ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अभी दो दिन पहले हाकिम ने डराने के उद्देश्य से अभी हाल ही उसकी खबरों से लानत-मलानत करने वाले पत्रकारों को उठवाया था। वजह हाकिम खुद डरा हुआ है।

विनय मौर्या
बनारस।

Advertisement. Scroll to continue reading.

पूरे प्रकरण को समझने के लिए इसे भी पढ़ें-

https://www.bhadas4media.com/tag/acp-sanjeev-kumar-inspector-suraj-pal/

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement