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टाइम्स ऑफ़ इंडिया की गोदी पत्रकारिता और योगी जी के ‘उच्च विचार’!

संजय कुमार सिंह-

यह देखिए, गोदी पत्रकारिता का नमूना…

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यह शीर्षक हिन्दी में होता तो कुछ इस तरह होता, “सपा, बसपा के विधायक बनने वाले गुंडों का इलाज करने के लिए बुलडोजर एकमात्र तरीका है : योगी।” जो खबर है वह और भी आपत्तिजनक है।

अव्वल तो संवैधानिक कुर्सी पर बैठे मुख्यमंत्री को ऐसी बात कहनी नहीं चाहिए और कहा है तो अखबारों को इतनी प्रमुखता नहीं देनी चाहिए। कायदे से ऐसी खबरें प्रमुखता से छपनी चाहिए लेकिन तब जब कार्रवाई की उम्मीद हो।

अभी जब पता है कि इससे उनका प्रचार होगा और इसीलिए बोला जाता है कि एक रैली की बात अखबारों और टेलीविजन चैनलों के जरिए देश दुनिया में फैल जाएगी तो प्रमुखता नहीं देना चाहिए। यही संपादकीय विवेक है। वरना संपादक रोबोट भी हो सकता है।

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खबर के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा है, “समाजवादी टोपी निर्दोष राम भक्तों के खून से लाल है”। यह कैसा आरोप है और किस आधार पर है। राम भक्त ‘निर्दोष’ कैसे हुए जब ढांचा गिर गया। ढांचा मंदिर हो या मस्जिद ऐतिहासिक महत्व का था। उसका संरक्षण होना चाहिए था। मनाही के बावजूद उसके आस-पास पहुंचने वाले निर्दोष कैसे हो सकते हैं?

और ऐसे निर्दोष अगर पुलिस की गोली से मारे जाएं (जो विधिवत ही चली थी) तो उससे समाजवादी पार्टी की टोपी कैसे लाल हुई? वह तो व्यवस्था लाल हुई जिसका उपयोग योगी भी कर रहे हैं और उसे ठीक करने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। ढांचा गिराने के मामले में किसी को सजा नहीं हुई सो अलग। मीडिया का काम इन्हीं अंतरों को स्पष्ट करना है पर गोदी मीडिया ने इसे जानबूझकर उलझा दिया है।

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जहां तक भाषण में कहे गए उपरोक्त शीर्षक की बात है, यह योगी जी के उच्च विचार हैं गैर कानूनी, क्रांतिकारी और तानाशाही पूर्ण। यह आज टाइम्स में इंडिया में पहले पन्ने पर छपा है। जो नहीं छपा है वह यह कि भारतीय वाशिंग मशीन पार्टी के विधायक, सांसद, मंत्री या पदाधिकारी बनने वाले जिन साधुओं, संतों, प्रचारकों के नमूने चिन्मयानंद, सेंगर, बराला, मिश्रा आदि पर या उनके सुपुत्रों पर कोई आरोप होगा उनके साथ भरपूर सहानुभूति रखी जाएगी।

भविष्य में वह खुद किसी योग्य कुर्सी पर पहुंच गया तो अपने खिलाफ मुकदमे वापस ले सकता है। संबंधित पुलिस अधिकारी की नौकरी ले सकता है और तबियत हो तो उसे जेल में भी डाल सकता है। वाशिंग मशीन पार्टी तन, मन, धन और थूक लगे पर्चे से उसका पूरा साथ देगी। यह मंदिर की कीमत है जो देश की जनता से वसूली जा रही है। पेगासस से जासूसी तो है ही। जय हो। जय श्री राम।

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