शीतल पी सिंह
चीन का सामान जो हमारे पास है वह पैसे चुकाकर खरीदा गया है चीन ने या किसी संघी ने दान में नहीं दिया है कि हम फेंक दें।
चीन से नाता तोड़ने का सीधा तरीका है कि सरकार ऐलान करे कि चीन फलां तारीख से दुश्मन मुल्क है और इस तारीख से उससे सारा लेन-देन बंद।
हम काफ़ी हद तक पाकिस्तान से ऐसा कर ही रहे हैं बस बीच बीच में सरकार ही चुपके-चुपके कुछ इंपोर्ट कर लेती है और कुछ इक्सपोर्ट कर देती है।
सरकार का काम पब्लिक पर डालना राजनीति है और मूर्ख बनाना है वरना विदेश मंत्री किस मुंह से २३ जून को चीन की मौजूदगी में तीन देशों की मीटिंग को तैयार हैं जबकि अभी १५/१६ की रात बेदर्दी से कत्ल किये गये हमारे कुछ जवानों के शव घर के रास्ते में ही हैं।
आज इंडियन एक्सप्रेस और कुछ अन्य जिम्मेदार मीडिया ने कल शाम चीन द्वारा हमारे दस सैनिकों जिनमें दो अफसर हैं को रिहा कर दिया वाली खबर छापी। वे करीब दो दिन उनकी कैद में रहे । हमारे वार्ताकारों को यह रिहाई हासिल करने में काफी मशक्कत लगी क्योंकि १९६२ के युद्ध के बाद पहली बार चीन ने हमारे सैनिकों को बंदी बनाया था ।
लगभग सारे टीवी चैनलों पर यह सूचना नदारद मिली जबकि कल दिन में हर जिम्मेदार रिपोर्टर (सेना को कवर करने वाले) के पास यह सूचना थी।
लेखक शीतल पी सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं.