गुड़गांव : आम आदमी पार्टी की चेतावनी के बावजूद मंगलवार को यहां योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण गुट के ‘स्वराज संवाद’ में हजारों कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। कार्यकर्ताओं का मत था कि आम आदमी पार्टी में रहते हुए योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को ‘स्वराज’ के लिए संघर्ष करते रहना चाहिए। फैसला किया गया है कि आप से अलग होकर नई पार्टी नहीं बनाई जाएगी। पार्टी में रहकर ही स्वराज के लिए आवाज बुलंद की जाएगी। अब आगामी छह महीने तक पार्टी का यह असंतुष्ट धड़ा देशव्यापी अभियान चलाएगा।
इस निर्णय से पहले प्रशांत भूषण ने ‘स्वराज संवाद’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज आम आदमी पार्टी में स्वराज नहीं रह गया है। आप पर अब कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। आम आदमी पार्टी को चौकड़ी से मुक्ति दिलाना हमारा पहला लक्ष्य है। इसके लिए तीन विकल्प हैं। एक तो पार्टी को इस चौकड़ी से छुटाने की कोशिश करें, दूसरे कोई नई पार्टी बनाएं और तीसरा विकल्प है, हमने जो गलती इसबार की, वो फिर न करें। गुस्सा आता है कि जिस पार्टी को हमलोगों ने मिलकर बनाया था उस पर कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया। कब्जा छुटाने के लिए हमें कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़नी पड़ेगी। हमें अपना समय और ऊर्जा उस लड़ाई में लगाने की जरूरत है क्योंकि पार्टी में चार चीजें होती हैं नाम, सिंबल, उसका पैसा और कार्यकर्ता। सबसे अहम पार्टी के कार्यकर्ता होते हैं।
योगेंद्र यादव ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने एक बात तो साबित कर दी कि पार्टी में जो कुछ चल रहा था उससे दिक्कत सिर्फ एक दो लोगों को नहीं थी, इस पार्टी का आदर्शवादी कार्यकर्ता नामंजूर करता है। लोगों से पूछा गया था कि क्या पार्टी स्वराज के सिद्धांत पर चल रही है तो 100 में से 93 लोगों ने जवाब ना में दिया।
आज की बैठक को ‘एक नयी शुरूआत’ का नाम दिया गया। यादव और भूषण ने आप के शीर्ष पदों से हटाए जाने के बाद भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा करने के लिए ‘स्वराज संवाद’ नामक चर्चा आयोजित करने के अपने निर्णय की घोषणा की थी। इससे ये कयास लगाए जा रहे थे कि बैठक में एक नयी पार्टी के गठन की घोषणा हो सकती है लेकिन नयी पार्टी बनाने का कोई ऐलान नहीं हुआ । सम्मेलन में आनंद कुमार और अजित झा, तिमारपुर के विधायक पंकज पुष्कर और विभिन्न राज्यों में लोकसभा चुनावों के कई उम्मीदवार शामिल हुए। पुष्कर ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी नयी है। अलग-अलग लोगों की अनुशासन पर अलग-अलग राय है। मेरा मानना है कि आज की बैठक हमारी पार्टी के आदर्शों के अनुरूप है।’’
बैठक को एक घंटा हो जाने के बाद, एडमिरल एल रामदास का एक ऑडियो संदेश मंच से सुनाया गया। संदेश में रामदास ने कहा है कि एकसंवाद को ‘‘पार्टी विरोधी गतिविधि’’ के रूप में नहीं देखा जा सकता और लोगों को एक लोकतंत्र में बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। मैं आप के किसी गुट विशेष से नहीं हूं। मेरे लिए ‘आप’ एक ही है। पार्टी के सिद्धांत और छवि को सबसे ज्यादा नुकसान उस जोर-जबरदस्ती ने पहुंचाया, जो हाल में की गई और हम एक पार्टी के तौर पर बड़े शोचनीय ढंग से विफल रहे हैं…एक ऐसी पार्टी, जिसका गठन स्वराज के सिद्धांतों पर हुआ था।
इस बीच अप्रत्यक्ष तौर पर धमकी देते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा है कि आप की शक्तिशाली राजनीतिक मामलों की समिति ‘पीएसी’ और इसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी ‘एनई’ बैठक के बाद इस संदर्भ में अगले कदम पर निर्णय लेगी। ‘‘स्वराज संवाद पार्टी का समारोह नहीं है। पीएसी और एनई बैठक के बाद यह निर्णय लेगी कि क्या कार्रवाई की जानी चाहिए?