सौमित्र रॉय-
आज गौतम अदानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिश्तों की एक और पुख़्ता फाइल खुली है। हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के बाद अदानी 2.0 कि यह फाइल चीख–चीखकर बता रही है कि मॉरीशस में फर्जी शेल कंपनियां चला रहे 2 लोगों ने विनोद अदानी (गौतम के बड़े भाई) की सलाह पर अदानी के शेयरों में खूब पैसा लगाया और मुनाफा कमाया।
प्रधानमंत्री ने 2014 में ठीक कहा था कि विदेशों से काला धन आएगा, लेकिन किसे पता था कि हरेक व्यक्ति के हिस्से में 15 लाख नहीं, अदानी के पेट में हर व्यक्ति के हिस्से के 15 लाख जायेंगे।
दरअसल, उन्हें बाखूबी पता था कि ये काला धन कौन लेकर आएगा और इससे किनको फायदा होगा।
प्रधानमंत्री इसके लिए रोज़ 18 घंटे मेहनत करते हैं। हमारे ही टैक्स के पैसे से विदेशों में जाकर अदानी के लिए मार्केटिंग एजेंट की तरह पैसा जुटाते हैं।
जनवरी में मोदी का यह राज खुला और एक नाम सामने आया–चान चुंग लिंग। यह मोदीजी का पहला चीनी रिश्ता था, जिसके लिए उन्होंने चीनी राष्ट्रपति को भारत बुलाकर झूला झुलाया और फिर लद्दाख की जमीन उनको बेच दी।
ब्रिक्स सम्मेलन में प्रधानमंत्री वेटर की तरह चीनी राष्ट्रपति के सामने शायद इसीलिए खड़े थे।
तो चांग चुंग लिंग के साथ एक और साहेब हैं–नासिर अली शबान अहली। इन्होंने भी विनोद अदानी के कहने पर गौतम अदानी के शेयरों में खूब पैसा यानी काला धन लगाया। भारतवासियों को लूटा।
बीजेपी और आरएसएस भारत में इस्लामोफोबिया, यानी मुसलमानों से नफ़रत की आड़ में गौतम अदानी के मार्फत मोटी कमाई कर रही है।
मजहबी नफ़रत की इस चादर के नीचे आम भारतीय नंगा बैठा है–लुटा–पिटा, गरीब, महंगाई की चाबुक से हलाकान, लेकिन दिल में हिंदू श्रेष्ठता को पाले हुए।
यह कहानी मेरी नहीं, भ्रष्टाचार के खिलाफ खोजी पत्रकारों के वैश्विक नेटवर्क–OCCRP ने लिखी है।
इसे लिखते समय पत्रकारों ने अदानी समूह के काले कारनामों की तमाम फाइलें खोज निकाली। यहां तक कि अदानी समूह की आंतरिक ईमेल तक।
सारे दस्तावेजी सबूत भारत के बिके हुए दलाल गोदी मीडिया को नहीं, बल्कि ब्रिटेन के द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स को दिए गए।
तो OCCRP की रिपोर्ट कहती है कि अदानी के 75% शेयर्स मॉरीशस में बैठे इन दो लोगों के हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो गौतम अदानी की दौलत का 75% काला धन है।
प्रधानमंत्री की मेहरबानी है कि सेबी जैसी एजेंसियां अब तक इन दो नामों को खोज नहीं पाई है, जो OCCRP के पत्रकारों ने कर दिखाया।
इन्हीं में से एक हैं मित्र रवि नायर। मोदी सत्ता इन्हें दबोचने की भरसक कोशिश करती रही है, क्योंकि ये असल पत्रकार हैं।
तो अदानी ने प्रधानमंत्री की छत्रछाया में काले धन का उपयोग कर खुद को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अमीर बना लिया और हमारे बैंकों से लोन लेकर फिर देशवासियों को लूटा।
आपका एलआईसी भी लुट चुका है, साथ में आपके जीवन की सुरक्षा भी।
भारत के शेयर होल्डिंग कानून के मुताबिक, किसी भी कंपनी के शेयर्स का 25% आम लोगों के लिए होना चाहिए। लेकिन अदानी ने इन आम लोगों में भी अपने लोग घुसाए।
OCCRP ने पाया कि अदानी समूह में पैसा लगाने वाले 13 निवेशकों में से ये दो (लिंग और नासिर) ने इमर्जिंग इंडिया फोकस फंड और ईएम रिसर्जेंट फंड के जरिए काला धन लगाया।
ये पूरा खेल 2013 से 2018 के बीच हुआ। शायद इसीलिए नरेंद्र मोदी अदानी के जहाज से पीएम पद की शपथ लेने दिल्ली पहुंचे थे।
ये पूरा काला धन बरमूडा में ग्लोबल ऑपरच्युनिटी फंड के रास्ते भारत आया।
दोष सिर्फ प्रधानमंत्री या अदानी का ही नहीं, कांग्रेस की मनमोहन सरकार का भी है। लिंग और नासिर पर 2007 में राजस्व खुफिया निदेशालय ने हीरे के कारोबार में काला धन लगाने पर उंगली उठाई थी। मामला रफा–दफा कर दिया गया।
तभी पता चला था कि चांग चुंग लिंग तो अदानी की 3 कंपनियों का निदेशक है। उसका पता भी तब वही था, जो सिंगापुर में विनोद अदानी का था।
2014 में DRI ने फिर पकड़ा कि अदानी ने बिजली के उपकरण खरीदने के लिए 1 बिलियन डॉलर का काला धन विदेशों से जुटाया। लेकिन तब मोदीजी सत्ता में आ चुके थे।
तब भी चांग और नासिर का नाम सामने आया था। विनोद अदानी का भी।
प्रधानमंत्री की विदाई बेला में OCCRP की यह रिपोर्ट उस वक्त आई है, जब विपक्ष अदानी और मोदी के इस आर्थिक साम्राज्यवाद की लूट का मुकाबला करने एकजुट खड़ा है।
इन नये खुलासों के बाद अडानी ग्रुप के शेयर आज खुलते ही धड़ाम हो गए…
Rk kori
August 31, 2023 at 7:00 pm
ये है एक फर्जी कथा, जो एक लेफ्टीेस्ट द्वारा परोसी गयी है,
अगर ये पड़ी लिखी होती तो मालूम होता पुराने pm भी अपने यहा के उद्योगपतियों की विदेश मे वकालत करते रहे है, बची बातकाले धन की तो सबसे ज्यादा कांग्रेस ओर लेफ्ट पर हि होगा ये कयी लोगो का मानना है, क्योकि सबसे ज्यादा भ्रस्टाचार कांग्रेस के कल मे हुआ और लेफ्ट जो समानता की बात करता है, उअके लोग भी बिना किसी बिज़नेस के लाखो करोड़ के पति बन गए ।
देश की जानता से झूठ बोलने मे ऐसे नकली पत्रकार बहुत है, जो सोमित्र राय जैसे आर्टिकल लिखेंगे, क्योकि अब इनको भी कुछ 2 नंबर से खाने को नहीं मिल रहा है,
ये हैँ फर्जी ओर नकली पत्रकार।
बांके बिहारी
September 4, 2023 at 9:42 pm
अंधभक्ति का असर हकीकत तक जाती नहीं नजर और मुल्क पर इसलिए टूटती है कहर
कोई भी पार्टी या नेता देश से बड़ा नहीं. चेतिये !. देशभक्ति देश की मांग,इसी में अपना स्वाभिमान-सम्मान. देश हमारा जान से प्यारा,सबसे न्यारा!