मजीठिया वेज बोर्ड की त्रिपक्षीय समिति की दूसरी बैठक संपन्न : पत्रकार और पत्रकारेत्तर कर्मचारियों के लिए गठित जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड को अमल में लाने के लिए महाराष्ट्र में गठित प्रबंधन, पत्रकारों और कामगार अधिकारियों की त्रिपक्षीय समिति की बैठक मुम्बई के कामगार भवन में सम्पन्न हुयी। इस दूसरी बैठक की अध्यक्षता कामगार उपायुक्त (ग्रामीण) तथा समिति सदस्य सचिव सुबा बागल ने की।
इस बैठक में मालिक प्रतिनिधि बालाजी मुले, बासुदेव मेदनकर और राजेंद्र सोनावणे मौजूद थे। कामगार प्रतिनिधियों में एन यू जे की महाराष्ट्र की सेक्रेटरी शीतल करांदेकर, बी यू जे के इंदर जैन और मंत्रराज पांडे मौजूद थे। इस बैठक में श्री बागल ने बताया कि राज्य में 129 समाचार पत्रों में 43 समाचार पत्रों ने जस्टिस मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू कर दिया है तथा 21 समाचार पत्र प्रतिष्ठानो ने इस वेज बोर्ड की सिफारिश को आंशिक रूप से लागू किया है जबकि 65 समाचार पत्रों में अब भी मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू नहीं किया गया है।
श्री बागल ने कहा कि जिन समाचार पत्र प्रतिष्ठानों ने एफिडेविट नहीं दिया है उनके बारे में पूरी सूचना जल्द समिति को दी जायेगी। इस बैठक में एन यू जे की शीतल करदेकर ने कहा कि जिन अखबारों में मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश पूरी तरह लागू कर दिया है उनके नाम समिति के सदस्यों को बताया जाए ताकि समिति सदस्य इसकी जांच करें। शीतल करदेकर ने समिति की अगली बैठक जल्द बुलाने की मांग भी की। इस दौरान बताया गया कि 17 (1) के 118 क्लेम मीडियाकर्मियों की तरफ से कामगार आयुक्त कार्यालय और उनके अधीन कार्यालयों में लगाए गए थे जिसमें 80 मामले 17 (2) के तहत लेबर कोर्ट में भेजे गए जबकि 38 की सुनवाई अभी चल रही है।
कामगार अधिकारी श्री बागल ने बताया कि अखबार मालिकों से एफिडेविट मांगे गए थे जिसमें 129 अखबार मालिकों में 101 अखबार मालिकों ने एफिडेविट दिया जबकि 28 ने नहीं दिया। उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इस सूचना पर शीतल करदेकर ने कड़ा एतराज जताया और कहा कि कामगार विभाग अखबार मालिकों के हितों का ख्याल रख रहा है।
शीतल ने कहा कि यह कारवाई बहुत लेट हो रही है। यह कोर्ट की अवमानना है उनकी आरसी काटनी चाहिये। कर्मचारियों को निकाला जा रहां है। उनमें भय का वातावरण है। ऐसे आस्थापना पर कारवाई होनी चाहिये। जो लोग समिती सदस्य हैं उनमे नवाकाळ ने भी मजिठिया नही दिया। तरूण भारत के संपादक किरण शेलार पत्रकारों के प्रतिनिधी हैं, वह और जयश्री खाडिलकर भी दोनो मीटिंग मे नदारत थीं। जयश्री खाडिलकर नवाकाल में हैं और वहां भी मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिश लागू नहीं किया गया है।
इस दौरान शीतल करदेकर ने ईमानदार लेबर अधिकारी महेश पाटिल को मजीठिया वेज बोर्ड मामले से हटाने की भी निंदा की और कहा कि कामगार विभाग अखबार मालिकों से डर गया है। इस बैठक में इंदर जैन और मंत्रराज पांडे ने भी पत्रकारों का जोरदार पक्ष रखा।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट
एनयूजे मजीठिया सेल समन्यवक
9322411335
[email protected]
Kashinath Matale
February 21, 2017 at 1:38 pm
How many employees are in the implementation committee?
Any member from Nagpur?
Please give his/her name.
मंगेश विश्वासराव
February 22, 2017 at 6:45 am
अगर लोकशाही नहीं समझती इनको, तो उसके आगे जाकर कुछ करना होगा. साले सबके सब भाजपाई जमीन में गाड देने चाहिए.
mishra
March 2, 2017 at 7:20 pm
Nagpur Navbharat Newspaper me Contect Patrakar-DTP opretor ko Majethia Wage Ke hisab se salery nahi di jati..kamgar officer mile hai….same work same salary nahi milti…………………….