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कैच न्यूज हिंदी के संपादक बने अमित बाजपेयी

अतुल चौरसिया के संपादक पद से इस्तीफा देने के बाद अमित बाजपेयी को कैच न्यूज हिंदी का संपादक बनाया गया है. इस मौके पर उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट लिखकर अपने परिचितों को सूचित किया है. उनका एफबी पोस्ट इस प्रकार है…

Amit Kumar Bajpai : वाकई सचिन ने सही कहा और आज के उनके ट्वीट ने मुझे भी अचानक यह भरोसा दिलाने के साथ याद दिला दिया कि वाकई सपने सच होते हैं. अब संपादक बनने का ही सपना लें. कब पिछले दिनों मुझे संपादक बना दिया गया, पता ही नहीं चला. एक दशक से भी ज्यादा वक्त से सोचता तो था लेकिन कब ऐसा हो गया, काम के चक्कर में, इसका अहसास ही नहीं हो पाया. आप सभी की शुभकामनाओं का ही परिणाम है कि कभी ट्रेनी से शुरुआत करने के बाद अब यहां तक पहुंच गया हूं…

<p>अतुल चौरसिया के संपादक पद से इस्तीफा देने के बाद अमित बाजपेयी को कैच न्यूज हिंदी का संपादक बनाया गया है. इस मौके पर उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट लिखकर अपने परिचितों को सूचित किया है. उनका एफबी पोस्ट इस प्रकार है...</p> <p>Amit Kumar Bajpai : वाकई सचिन ने सही कहा और आज के उनके ट्वीट ने मुझे भी अचानक यह भरोसा दिलाने के साथ याद दिला दिया कि वाकई सपने सच होते हैं. अब संपादक बनने का ही सपना लें. कब पिछले दिनों मुझे संपादक बना दिया गया, पता ही नहीं चला. एक दशक से भी ज्यादा वक्त से सोचता तो था लेकिन कब ऐसा हो गया, काम के चक्कर में, इसका अहसास ही नहीं हो पाया. आप सभी की शुभकामनाओं का ही परिणाम है कि कभी ट्रेनी से शुरुआत करने के बाद अब यहां तक पहुंच गया हूं...</p>

अतुल चौरसिया के संपादक पद से इस्तीफा देने के बाद अमित बाजपेयी को कैच न्यूज हिंदी का संपादक बनाया गया है. इस मौके पर उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट लिखकर अपने परिचितों को सूचित किया है. उनका एफबी पोस्ट इस प्रकार है…

Amit Kumar Bajpai : वाकई सचिन ने सही कहा और आज के उनके ट्वीट ने मुझे भी अचानक यह भरोसा दिलाने के साथ याद दिला दिया कि वाकई सपने सच होते हैं. अब संपादक बनने का ही सपना लें. कब पिछले दिनों मुझे संपादक बना दिया गया, पता ही नहीं चला. एक दशक से भी ज्यादा वक्त से सोचता तो था लेकिन कब ऐसा हो गया, काम के चक्कर में, इसका अहसास ही नहीं हो पाया. आप सभी की शुभकामनाओं का ही परिणाम है कि कभी ट्रेनी से शुरुआत करने के बाद अब यहां तक पहुंच गया हूं…

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जाहिर है ऊंचाई पर पहुंचना जितना मुश्किल होता है, उससे भी ज्यादा वहां टिके रहने की चुनौती होती है…. एक बार फिर से शुक्रिया सचिन… और, शुक्रिया www.hindi.catchnews.com और राजस्थान पत्रिका… यहां तक की यात्रा के लिए अपने गुरुजनों और मित्रों का बहुत बहुत शुक्रिया… “Like I always say, chase your dreams because dreams do come true, and this was one of those moments in my life when it happened.”

कई अखबारों में वरिष्ठ पद पर काम कर चुके और इन दिनों पत्रिका समूह के डिजिटल वेंचर कैच न्यूज हिंदी के संपादक की जिम्मेदारी निभा रहे पत्रकार अमित बाजपेयी की एफबी वॉल से साभार लेकर उनके स्टेटस को यहां प्रकाशित किया गया है.

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