यशवंत सिंह-
ग्रेटर नोएडा में एक आम्रपाली लेजर पार्क सोसाइटी है. इसका माईबाप कोर्ट रिसीवर है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्त किया है. इस कोर्ट रिसीवर के आफिस की देखरेख, एनबीसीसी के नेतृत्व में संचालित और वीसीएल कंपनी की तरफ से मेनटेन प्रोजेक्ट आम्रपाली लेजर पार्क (ग्रेटर नोएडा) में रहने वाले सैकड़ों परिवारों की जान सांसत में है. यहां लिफ्ट में न इंटरकाम है न मोबाइल नेटवर्क है न आपातकालीन कोई व्यवस्था न फंक्शनल सीसीटीवी कैमरा.
इस कारण अगर यहां कोई लिफ्ट में फंसता है तो उसे बाहर निकलने में बहुत वक्त लग जाता है. वह आसानी से किसी से संपर्क नहीं कर पाता. उसकी जान सांसत में होती है. वह केवल चिल्ला सकता है. थपथपा कर गुहार लगा सकता है. ये कहानी रोज की है. कोई न कोई महिला, बुजुर्ग, बच्चा, फ्लैट आनर, किराएदार लिफ्ट में फंसता रहता है. कोई आधे घंटे बाद निकल पाता है तो कोई दस से पंद्रह मिनट बाद.
सीआर आफिस की मनमानी, एनबीसीसी की मनमर्जी और वीसीएल की उपेक्षा के कारण है ये स्थिति. इसके चलते आम्रपाली लेजर पार्क के निवासियों को नारकीय स्थिति का सामना करना पड़ रहा है.
आज शाम इस सोसाइटी के एक निवासी विनीत वर्मा ए5 टावर की लिफ्ट में फंस गए और बहुत मुश्किल से निकल पाए. साफ सफाई की व्यवस्था न किए जाने के कारण यहां के रेजीडेंट ही लिफ्ट को साफ करते हैं. तो विनीत वर्मा लिफ्ट की सफाई में लगे हुए थे और लिफ्ट बंद हो गई. उनके मोबाइल में नेटवर्क नहीं आ रहा था. लिफ्ट में कोई इंटरकाम है नहीं. लिफ्ट की आपातकालीन व्यवस्था काम नहीं कर रही थी. लिफ्ट में लगे सीसीटीवी कैमरे फंक्शनल नहीं हैं. ऐसे में वे बुरी तरह घबड़ा गए. उन्होंने फंसे होने के बाद अंदर से ही एक छोटा सा वीडियो बनाया. उन्होंने एक मैसेज अपने टावर के वाट्सअप ग्रुप में लिखा जो तनिक देर में डिलीवर हुआ तो लोग जान पाए कि विनीत जी लिफ्ट में फंसे हैं. फिर उन्हें किसी तरह निकाला गया.
देखिए टावर ग्रुप का स्क्रीनशाट, कुछ कमेंट्स और लिफ्ट के भीतर का वीडियो-
Vineet Verma-
एक समाजसेवा कितनी हानिकारक हो सकती है, उसका एक दर्द भरा उदाहरण मैं आपके सामने लिख रहा हूं. अभी 10 मिनट पहले ही समाज सेवा के रूप में मैं लेजर पार्क की A5 टावर की लिफ्ट नंबर एक में कुछ उल्टा सीधा शरारती तत्वों द्वारा लिखा गया नोट रिमूव कर रहा था, साफ सफाई कर रहा था. मैं बेसमेंट में था और अचानक ही बिजली चली गई. 5 मिनट तक बिजली नहीं आई. तब तक मुझे कोई परेशानी नहीं हुई. परंतु 5 मिनट बाद मेरा दम घुटने लगा. ना वहां नेटवर्क था ना ही कोई और किसी तरह की सुविधा. मैंने बहुत खटखटाया पर कोई नहीं आया. लग रहा था जैसे अब दम निकला, अब दम निकला. सारे बटन ट्राई कर लिए पर किसी में कुछ नहीं था, कोई काम नहीं कर रहा था. किस तरह का ERD system है, समझ नहीं आ रहा l कौन इसकी टेस्टिंग कर रहा है, कौन रिपोर्ट दे रहा है, कौन मॉनिटरिंग कर रहा है, किसी को कुछ पता नहीं. सब अपनी मस्ती में मस्त हैं. एक बड़ा हादसा होने का इंतजार किया जा रहा है. मैं पूरी तरह से इसका विरोध करता हूं और Ad-hoc AOA टीम से सवाल पूछता हूं कि यदि आज मेरे साथ कोई दुर्घटना घटती तो उसका कौन जिम्मेदार होने वाला था या आगे इस फेलियर की वजह से किसी भी निवासी के साथ कोई दुर्घटना होती है तो उसका कौन जिम्मेदार होगा ?
Anil Kumar-
अभी अभी मित्र @Vineet Verma भाई लिफ्ट में फंस गए, मेरी उनसे बात हुए, किसी तरह से निकल कर खुद बाहर आए हैं, लिफ्ट में इन्हे कोई निकालने वाला नहीं था। लिफ्ट के अंदर कोई भी इमरजेंसी सिस्टम या डिवाइस काम नहीं कर रहा है, भगवान भरोसे सब कुछ चल रहा है. NBCC सोई हुई है, Adhoc AOA को अपना पोस्टर छपवाने से फुरसत नहीं है. बीच बीच में साफ सफाई के एक दो पोस्टर किसी ग्रुप में डाल दिया जा रहा है. बाकी सब मस्त होकर साइलेंट मोड पर रहकर तमाशा देख रहे है…
ये है लिफ्ट के भीतर का वीडियो जिसे खुद विनीत वर्मा ने शूट किया है ताकि सच्चाई को दिखाकर सोए हुए अधिकारियों और गैर-जिम्मेदार एढाक एओए के लोगों को जगा सकें- https://twitter.com/bhadasmedia/status/1722599641278026164
सवाल है कि क्या सीआर आफिस, एनबीसीसी और वीसीएल को किसी के मौत का इंतजार है? वैसे, आज की घटना के बाद आम्रपाली लेजर पार्क के नागरिक एनबीसीसी आफिस के बाहर प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं. साथ ही लिफ्ट में फंसे विनीत वर्मा एनबीसीसी व वीसीएल के अधिकारियों के खिलाफ लिखित कंप्लेन देकर एफआईआर कराने की तैयारी कर रहे हैं.
एक तरफ प्रदेश सरकार लिफ्ट हादसों की जिम्मेदारी तय करने को लेकर कानूनी ला रही है, वहीं ग्रेटर नोएडा के आम्रपाली लेजर पार्क को संचालित कर रहे सीआर आफिस, एनबीसीसी और वीसीएल के गैर-जिम्मेदार पदाधिकारी सुविधा विहीन लूली-लंगड़ी लिफ्ट्स को आपरेट कर नागरिकों की हत्या की साजिश रच रहे हैं.
ज्ञात हो कि सीआर आफिस और एनबीसीसी ने साजिश कर रेजीडेंट्स को बिना बताए, बिना चुनाव कराए, गुपचुप तरीके से एढाक एओए (एपार्टमेंट आनर्स एसोसिएशन) का गठन कर दिया है. इस एढाक एओए के कई पदाधिकारी सोसाइटी में रहते ही नहीं. कई लोग सोसाइटी के भीतर ही प्रापर्टी का बिजनेस करते हैं. तो इस एढाक एओए की रुचि न तो सोसाइटी में है और न ही लिफ्ट आदि को दुरुस्त कराने में हैं. चूंकि इनकी नियुक्ति सीआर आफिस और एनबीसीसी के रहमोकरम पर हुई है तो ये लोग कोई जेनुइन डिमांड सीआर आफिस और एऩबीसीसी से करने में भी डरते हैं. इसके चलते आम्रपाली लेजर पार्क में समस्याओं का अंबार लगा है. बताया जा रहा है कि एनबीसीसी अब किसी तरह सारे इनफ्रास्ट्रक्चर का हैंडओवर नए नवेले और अज्ञानी एढाक एओए को सौंप कर पल्ला झाड़ने की फिराक में है. इसका विरोध सोसाइटी के समझदार नागरिक लगातार कर रहे हैं पर न सीआर आफिस को कुछ सुनाई पड़ रहा है और न ही एनबीसीसी के सोए हुए अधिकारियों की नींद टूट रही है.
ऐसा लग रहा है कि ये सब खून के प्यासे हैं और किसी की मौत का इंतजार कर रहे हैं.
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