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झारखंड

झारखंड में पत्रकारों पर डाक्टर व अस्पताल स्टाफ़ ने किया हमला

रूपेश कुमार सिंह
स्वतंत्र पत्रकार

झारखंड में पत्रकारों की एक टीम पर कल यानी 27 दिसंबर को अस्पताल के मुख्य चिकित्सक व अस्पताल स्टाफ द्वारा हमला किया गया। पत्रकारों की टीम में शामिल एक महिला पत्रकार का वीडियो बनाते समय मोबाईल भी तोड़ दिया गया। जब पत्रकार मोहम्मद सरताज आलम ने इस बावत थाना में हमलावरों पर मुकदमा दर्ज करने का आवेदन दिया, तो एफआईआर दर्ज करने में भी पुलिस आनाकानी करती रही।

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आखिर मामला ट्वीटर पर पहुंचा, तब झारखंड पुलिस के ट्वीटर हैंडल से जमशेदपुर पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया, तब जाकर कहीं देर रात एफआईआर दर्ज हुआ। लेकिन अभी तक हमलावरों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।

झारखंड के जमशेदपुर में प्राइवेट अस्पतालों में फायर सेफ्टी के क्या इंतज़ाम हैं, मरीज़ों की सुरक्षा की क्या स्थिति है, इसका जायज़ा लेने जर्नलिस्टों की एक टीम रविवार को शहर में बाराद्वारी स्थित एपेक्स अस्पताल पहुंची. उस टीम में विकास कुमार, अंकित, महिला पत्रकार के अलावा द टेलीग्राफ, द क्विंट एवं BBC से जुड़े हुए जर्नलिस्ट मोहम्मद सरताज आलम भी मौजूद थे।

इस टीम से अस्पताल कर्मी ने प्रतीक्षा करने के लिए कहा. कुछ देर के बाद अस्पताल प्रबंधक डॉ सौरभ चौधरी अपने चैम्बर से बाहर आए. उन्होंने आक्रामक अंदाज़ में अभद्रता के साथ बातें शुरू कीं. विकास कुमार ने उनके गंदे आचरण को देख वीडियो शूट करना शुरू कर दिया. इससे आक्रोशित डॉक्टर ने विकास कुमार को अन्य सुरक्षाकर्मियों की मदद से पीटना शुरू कर दिया. यह देख कर मोहम्मद सरताज ने डॉक्टर सौरभ को रोकने की कोशिश की. तभी सरताज के सर पर पीछे से हमला हुआ. यह देख महिला पत्रकार ने वीडियो बनाने की कोशिश की. तभी एक कर्मी ने महिला पत्रकार के मोबाइल की स्क्रीन डैमेज कर दी. उसे बचाने गए अंकित पर हमला हो गया.

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प्राइवेट अस्पताल अगर मीडिया कर्मियों के सवालों का जवाब देने से कतराते हैं, इस तरह से बेरहमी से हमला करने का साहस करते हैं तो आप उम्मीद कर सकते हैं मरीजों के साथ इनका बर्ताव कैसा होगा?

इस गम्भीर मामले को देखते हुए एपेक्स अस्पताल ही नहीं बल्कि शहर के दूसरे सभी अस्पतालों की जांच फायर सेफ्टी के मद्देनज़र होनी चाहिए.

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पत्रकार मोहम्मद सरताज आलम ने बताया कि “जैसे ही अस्पताल के मुख्य चिकित्सक डाक्टर सौरभ चौधरी आये, वे स्पष्ट रूप से कहने लगे कि मैं आपको कुछ नहीं बताउंगा, जो पूछना है प्रशासन से जाकर पूछिए। मैं यहाँ के नर्सिंग होम एसोसिएशन का अध्यक्ष भी हूँ और मुझे पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब देने की जरूरत नहीं है।”

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