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मजीठिया की लड़ाई लड़ रहे रविंद्र अग्रवाल मामले में अमर उजाला प्रबंधन ओछी हरकतों पर उतरा

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मजीठिया की लड़ाई लड़ रहे हिमाचल के एकमात्र रिपोर्टर रविंद्र अग्रवाल के मामले में अमर उजाला प्रबंधन ओछी हरकतों पर उतर आया है। प्रबंधन ने पहले तो उत्पीड़न करने के लिए रविंद्र को जम्मू भेजा और अब जब वे जम्मू ज्वाइन करने से पहले छुट्टी पर चल रहे थे तो उनको इससे रोकने के लिए उनकी माई एयू वाली आईडी ही ब्लाक कर दी है। इतना ही नहीं, उनकी अमर उजाला की मेल आईडी भी बंद कर दी गई है। पता चला है कि पांच अगस्त को उनकी माता की तबियत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा था। इस कारण वे छुट्टी पर थे।

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मजीठिया की लड़ाई लड़ रहे हिमाचल के एकमात्र रिपोर्टर रविंद्र अग्रवाल के मामले में अमर उजाला प्रबंधन ओछी हरकतों पर उतर आया है। प्रबंधन ने पहले तो उत्पीड़न करने के लिए रविंद्र को जम्मू भेजा और अब जब वे जम्मू ज्वाइन करने से पहले छुट्टी पर चल रहे थे तो उनको इससे रोकने के लिए उनकी माई एयू वाली आईडी ही ब्लाक कर दी है। इतना ही नहीं, उनकी अमर उजाला की मेल आईडी भी बंद कर दी गई है। पता चला है कि पांच अगस्त को उनकी माता की तबियत बिगड़ने के कारण उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा था। इस कारण वे छुट्टी पर थे।

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इसके बाद काफी भागदौड़ के चलते वह भी अपनी पुरानी कमर की दर्द से पीड़ित हो गए और उन्हें भी मेडिकल लेना पड़ा। इस बीच सोमवार को कंपनी ने उनको छुट्टी लेने से रोकने के लिए उनकी आईडी ही बंद कर दी। सूचना है कि प्रबंधन ने उन्हें कानूनी कार्रवाई से रोकने के लिए उन्हें सोची समझी साजिश के तहत हिमाचल से जम्मू भेजा है, जिससे उनका क्षेत्राधिकार बदल दिया जाए। इसका पता इसी बात से चलता है कि उनको पहले तो अचानक जम्मू भेजा गया। फिर अचानक ही चंबा ब्यूरो का प्रभारी किसी दूसरे व्यक्ति को दिए जाने से पहले ही उन्हें धर्मशाला प्रभारी के जरिये वहां के चार्ज से हटा दिया गया।

अब सूचना है कि उनकी जगह ऊना ब्यूरो प्रभारी शंभूप्रकाश को 13 अगस्त को चंबा ज्वाइन करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इस तरह ऊना में अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी को भी परेशान कर दिया गया है। अब धर्मशाला ब्यूरो के प्रभारी पद को लात मारकर गए व्यक्ति को ऊना ज्वाइन करवाने की तैयारियां चल रही हैं। हालांकि उदय कुमार के पांव छूते ही उनके पाप धुल चुके थे, मगर अभी उनकी तैनाती को पेंच फंसा हुआ है। प्रबंधन उनकी नियुक्ति को मंजूरी नहीं दे पाया है। फिर भी चरचा है कि यहां उन्हें ही ज्वाइन करवाने की तैयारी की गई है। लिहाजा यह बात तो साफ हो गई है कि रविंद्र अग्रवाल का तबादला सिर्फ मजीठिया वेज बोर्ड की शिकायत करने पर ही किया गया है। नहीं तो एक कर्मचारी को बाहर भेज कर नए की तैनाती करने की जरूरत ही क्या थी।

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इस बीच जम्मू से भी सूचना मिली है कि जब प्रबंधन रविंद्र अग्रवाल को तबादला आदेश व 48 घंटे में जम्मू ज्वाइन करने के आदेशों की प्रति थमाने में नाकाम रहा तो जम्मू से एक पत्र स्पीड पोस्ट करके 12 अगस्त को उनके घर के पते पर भेजा गया है। इसमें उन्हें 24 घंटे में जम्मू ज्वाइन न करने पर कार्रवाई किए जाने की चेतावनी दी गई है। इस संबंध में छानबीन करने पर पता चला है कि रविंद्र ने मेडिकल ग्राउंड पर छुट्टी जारी रखने का निर्णय लिया है। साथ ही मनमानी पर उतरे प्रबंधन की आगामी कार्रवाई पर नजर बनाए हुए हैं। कुल मिलाकर अब यह मामला पत्रकार व अखबार प्रबंधन के बीच की जंग में तब्दील होता दिख रहा है। देखना है कि जीत किसकी होती है।

मूल खबर…

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मजीठिया के लिए आवाज उठाने वाले रविन्द्र को अमर उजाला प्रबंधन ने जम्मू भेजा

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