सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार मीडियाकर्मियों द्वारा दायर क्लेम की याचिका पर 6 माह में वसूली की सुनवाई पूरी करें… महाराष्ट्र्र के कामगार आयुक्त यशवंत केरुरे के आदेश पर महाराष्ट्र्र के कामगार उप आयुक्त (प्रा.वि.) ने राज्य के सभी आद्यौगिक न्यायालय के प्रबंधकों को 18 नवंबर 2017 को एक पत्र लिखकर निवेदन किया है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के 13 अक्टूबर 2017 के आदेश को संज्ञान में लेते हुए श्रमिक पत्रकार कर्मचारी (सेवा शर्त) संकीर्ण अधिनियम 1955 के अंतर्गत मजीठिया वेतन आयोग के आदेश को अमल में लाएं। सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के 13 अक्टूबर 2017 के आदेश की प्रति इस पत्र के साथ संलग्न है।
कामगार उपायुक्त ने इस पत्र में लिखा है कि प्रस्तुत प्रकरण में आपको बताना चाहेंगे कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 13 अक्टूबर 2017 के आदेश में श्रमिक पत्रकार कर्मचारी (सेवा शर्त) संकीर्ण अधिनियम 1955 के अंतर्गत धारा 17 (2) के अंतर्गत दाखिल वसूली प्रकरण की सुनवाई 6 माह में पूरी कर उसका परिणाम घोषित करने का आदेश कामगार न्यायालय /आद्यौगिक न्यायाधिकरण को दिया है। इस आदेश की प्रति आपकी जानकारी और उचित कार्रवाई के लिए साथ में दी जा रही है।
कामगार उपायुक्त के इस पत्र को पाने के बाद 23 नवंबर को प्रबंधक आद्यौगिक न्यायालय ने ई मेल के जरिये सदस्य /न्यायाधीश, औद्यौगिक कामगार न्यायालय, मुंबई, पुणे, नागपुर, अहमदनगर, ठाणे, नाशिक, अमरावती, औरंगाबाद, सोलापुर, कोल्हापुर, अकोला, जालना, यवतमाल, सतारा, धुले, जलगांव, चंद्रपुर, भंडारा, सांगली, लातूर, रत्नागिरी, बुलढाणा, वर्धा, नांदेड़, गोंदिया और महाड़ को इसकी प्रति भेजा है। यह पत्र प्रभारी प्रबंधक आद्यौगिक न्यायालय महाराष्ट्र मुम्बई श्री सी .प्र. हजनकर के हस्ताक्षर से जारी किया गया है।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट
एन यू जे महाराष्ट्र मजीठिया सेल समन्यवयक
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