यशवंत जी नमस्कार ,
हम सब छत्तीसगढ़ के बस्तर से जुड़े हैं, पत्रकारिता से पिछले कई वर्षों से जुड़ें हैं। भड़ास मीडिया के पिछले कई सालों से पाठक हैं, और लगातार आपके लेख और भड़ास की खबरों को देखते हैं, जनता के प्रति जिस तरह से मीडिया अपना काम करती है उसी तरह से मीडिया में काम करने वाले लोगों के के बारे में भड़ास मीडिया से जानकारी मिलती है। भड़ास मीडिया हमारे पत्रकार साथियों के लिए बहुत ही अहम मंच है जहां हम देश भर के पत्रकारों के बारे में समझ सकते हैं भले हम उनसे क़भी ना मिले हो लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों में काम करने वाले पत्रकारों के बारे में आपके लेख को पढ़कर उनके प्रति जानकारी प्राप्त कर सकते हैं !
आज भड़ास में दंतेवाड़ा जिले में ज़ी न्यूज़ संस्था में पिछले कई सालों से कार्यरत पत्रकार बप्पी रे के बारे में पढ़ने को मिला , ऐसा पहली बार था कि जब बप्पी रे के बारे गलत और भ्रमित करने वाला खबर देखने को मिला आप बस्तर के किसी भी पत्रकार से बप्पी रे के बारे में जान सकते हैं हम सभी पत्रकार साथी मिलजुल कर काम करते हैं , और अब बस्तर में बाहर से आने वाले पत्रकारों की हरसंभव मदद करते हैं, बप्पी रे भी हम पत्रकारों जैसा ही है और जिस तरीके की खबरें यह ऋषि वालिया बता रहा है उसमें कोई भी सच्चाई नहीं है, क्योंकि यह लड़का गांजा पीता है शराब पीता है और उल जलूल बातें करता है यह यूट्यूब पर वीडियो बनाता है , इस लड़के ने पत्रकारिता मैं अपना कैरियर बनाने के लिए शुरुआत में ज़ी न्यूज़ नोएडा में इंटर्नशिप किया है लेकिन इसके चाल-चलन और गंजेड़ी छवि होने की वजह से ही इसको किसी भी मीडिया संस्थान में नौकरी नहीं मिली , जिसके बाद यह कभी संगीतकार , कभी कवि , कभी शायर कभी कलाकार बन जाता है तो कभी फिल्म मेकर बन जाता है , कभी पत्रकारों के हक में खड़ा होकर के उनकी आवाज बनने की कोशिश करता है ये सब सिर्फ ये लड़का अपनी पहचान बनाने के लिए करता है । जब ये इस तरह से यहां सफ़ल नही हो सका तो इस तरह की घिनौनी ख़बर प्लांट करके एक पत्रकार को बदनाम कर रहा है।
हम लोगों ने इस घटना की पूरी जानकारी प्राप्त की तो पता चला कि ऋषि वालिया आदिवासियों पर एक फ़िल्म बनाने के लिए कई पत्रकारों से लाइनअप किया.. इसमें बस्तर के जाने-माने पत्रकार बप्पी रे से इसका सम्पर्क एक पत्रकार साथी ने ही कराया। उनके माध्यम से दंतेवाड़ा में बप्पी के पास पहुंचा और वहां पर काम करने वाले पत्रकारों के ऊपर फ़िल्म बनाने के लिए मदद मांगी। इसके लिए बप्पी रे ने इसकी हरसंभव मदद की। पूरा लाइन-अप करके स्टोरी बनवाई जहां कई और भी पत्रकार साथी मौजूद थे, उसी दौरान एक शाम को ऋषि वालिया ने शराब और गांजे का सेवन किया और गाली-गलौज करने लगा , जबकि अन्य पत्रकार साथियों ने मना किया कि इस जगह पर आप गांजा न पीजिए।
ऋषि वालिया एक पूरी तरह से नशेड़ी व्यक्ति है जो शराब और गांजे के बाद अपना खुद का मानसिक संतुलन खो देता है और जहां जिसके साथ रहता है उनको ही गाली देने लगता है। ये लड़का नशे में अपनी असफलता से खीझ कर दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है। बहुत मना करने पर भी ऋषि वालिया ने किसी की बात नहीं मानी और वहां पर गाली-गलौच व मारपीट करने लगा। वह बहुत नशा कर चुका था जिसके बाद उसको वहां से डांट कर भगा दिया गया। इस बात से चिढ़कर उसने बप्पी रे को बदनाम करने की लगातार कोशिश की लेकिन उसकी बात को कोई मानने को तैयार नहीं था, जिसके बाद उसने देश के प्रतिष्ठित ऑनलाइन पोर्टल भड़ास मीडिया डॉट कॉम से संपर्क किया और आपको इस तरह की गलत खबरें शेयर की।
हम सब दक्षिण बस्तर के पत्रकार हैं। पूरे देश से ही नहीं बल्कि बाहर से भी पत्रकार और अन्य लोग आकर हमारे साथ जल-जंगल-जमीन से जुड़ी और आदिवासियों के हक में यहां काम करते हैं। हम सभी आगंतुक का हमेशा आदर-सत्कार करते हैं परंतु कोई आपके घर में आकर आपके आसपास लोगों से गंदी गालियों देगा, ये भी हम बर्दाश्त नहीं करते। सभी पत्रकार साथी जो उस समय मौजूद थे, सभी ने उसको समझाने का ही प्रयास किया लेकिन इस प्रकरण में ऋषि वालिया ने पूरी तरीके से एक पत्रकार को बदनाम करने की कोशिश की है।
आपको इस मेल के साथ ऑडियो अटैच करके भेज रहें हैं जिसमें ऋषि वालिया आपके संस्था का नाम लेकर धमकी दे रहा है कि अभी “भड़ास” में और भी खबरे चलेंगी। ऋषि वालिया सिर्फ एक गंदी पब्लिक-सिटी पाने के लिये इस तरह की गलत खबरें फैला रहा है। बदनाम करके गलत तरह से खुद को चर्चित बनाने के लिए उसने एक पत्रकार को बदनाम किया है। उसने “भड़ास मीडिया” को एक पत्रकार को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया है।
पत्रकार –
निशु त्रिवेदी (पत्रकार)
रौनक शिवहरे (पत्रकार)
जोगेस्वर नाग (पत्रकार)
लोकेश शर्मा (पत्रकार)
रितेश यादव, (पत्रकार)
दिनेश गुप्ता (पत्रकार)
दिनेश बघेल (पत्रकार)
लुभम निर्मल (पत्रकार)
मुकेश ठाकुर (पत्रकार)
चंदन साठवाने (पत्रकार)
प्रेषक-
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