भास्कर वाले पगला गए हैं. फोटो छापकर निकालने का इनका पागलपन बढ़ता ही जा रहा है. दुनिया के दूसरे सेक्टर्स में भी कर्मचारी रखे और निकाले जाते हैं लेकिन कोई उनकी फोटो नहीं छापता. चूंकि मीडिया में छापने का थंधा ही है इसलिए इस छापने के हथियार का दुरुपयोग करते हुए मीडिया कर्मचारियों को निकालते वक्त उनकी तस्वीर का भी प्रकाशन कर दिया जाता है. इससे ताउम्र ये कर्मचारी डिप्रेशन और अपराधबोध में जीते हैं.
ज्यादा बड़ा अपराध है तो पुलिस केस करिए, कोर्ट में केस करिए. लेकिन ये क्या कि आप फोटो छापकर निकाल रहे हैं. आधुनिकता और प्रगतिशीलता की यदा कदा बातें करना वाला भास्कर इस मामले में बेहद सामंती और मध्ययुगीन है. भरतपुर जैसी छोटी यूनिट से एक नहीं बल्कि नौ लोगों को निकाला और सबकी तस्वीर छापकर. बेहद शर्मनाका हरकत है इस तरह फोटो छापकर निकालना. भड़ास इस प्रवृत्ति की निंदा करता है और निकाले गए सभी कर्मचारियों से अनुरोध करता है कि वे फोटो छापकर निकाले जाने के खिलाफ कोर्ट में केस करें और कायदे के वकील के जरिए पुरजोर पैरवी कर आदेश हासिल करें ताकि दूसरे कर्मचारियों को इस तरह बेइज्जत किए जाने से बचाया जा सके.
देखें भास्कर द्वारा प्रकाशित निकाले गए कर्मचारियों की तस्वीर…. निकाले गए लोगों में यूनिट हेड से लेकर स्ट्रिंगर तक शामिल हैं. आरोप लगाया गया है कि इन लोगों को विज्ञापन घोटाले के चलते भास्कर ने बाहर किया है… अगर ये कर्मचारी अपना पक्ष रखना चाहते हैं तो भड़ास स्वागत करता है. अपनी बात bhadas4media@gmail.com पर लिखकर भेजें.
One comment on “भास्कर ने भरतपुर से एक साथ 9 कर्मचारियों को फोटो छापकर निकाला, यूनिट हेड से लेकर स्ट्रिंगर तक नपे”
They shd file a case asap… There is high chance of a favourable decision from court. This is really very insulting and illegal to publish photo in such a way…