दैनिक भास्कर ग्रुप ने ऑफिशियल लेटर जारी कर अपने कर्मियों को इस साल 10 लाख नये पाठक जोड़ने का टारगेट बताया है और इसके लिए उसने अपने कर्मियों को ऑफर दिया है कि वे नये पाठक जुड़वायें जिसके लिए उन्हें प्रति पाठक 150 रुपये का कमीशन या प्रोत्साहन राशि मिलेगी। बहरहाल इस ऑफर के बाद कुछ कर्मी यह सोच रहे हैं कि क्या अब पत्रकारिता “टारगेट जॉब” तो नहीं बन जायेगी? हो सकता है कस्टमर न लाने वालों का इंक्रीमेंट/प्रमोशन भी कंपनी रोक दे।
खैर खुद का प्रचार प्रसार विस्तार करने का हक हर ब्रांड को होता है लेकिन, 1 साल में 10 लाख पाठक जोड़ने जैसा बड़ा टारगेट बनाने वाला और खुद को देश का नम्बर 1 अखबार कहने वाले भास्कर ग्रुप ने ऑफिशियल लैटर में खुद को करीब 10 हजार कर्मियों की कंपनी होने का दावा किया है। साथ ही लेटर में विश्व का चौथा सबसे अधिक प्रसार संख्या वाला अखबार भी बताया है। तो फिर अपने कर्मियों को पर्याप्त सेलरी या मजीठिया वेज बोर्ड का लाभ देने की बात उठने पर भास्कर की यही “ब्रांड वैल्यू” कम कैसे हो जाती है, यह सोचने वाली बात है।
आशीष चौकसे
पत्रकार और ब्लॉगर
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