दैनिक भास्कर ने अपने सभी कर्मचारियों को ऐसा धोखा दिया है,जिसे वे अब तक नहीं समझ पाए थे। इन्क्रीमेंट के नाम पर उन्हें जो लेटर दिया गया है, उसके माध्यम से उन्हें ठेकेदारी के तहत ‘एमपी प्रिंटर’ कंपनी का ‘सीनियर मैनेजमेंट एसोसिएट’ कर्मचारी घोषित कर दिया गया है। इस खुली धोखाधड़ी से कर्मचारियों में भारी रोष है।
भास्कर में सैलरी स्लिप निकलने के लिए एक ऑनलाइन सिस्टम है, जिसको पीपल सॉफ्ट बोलते हैं। जब कर्मचारियों ने अपनी सैलरी स्लिप चेक की तो पाया कि कंपनी ने धोखे से उनकी पिछले एक साल की सैलरी स्लिप में कंपनी का नाम चेंज कर दिया है। कई एक कर्मचारी ऐसे हैं, जो हर महीने अपनी सैलरी स्लिप समय से निकालकर चेक कर लिया करते हैं।
जब उन्होंने पुरानी सैलरी स्लिप को नई सैलरी स्लिप के साथ मिलाया तो पाया कि कंपनी ने पूरा ऑनलाइन डाटा ही बदल दिया है, जो कि गैर क़ानूनी है। इसके अलावा कंपनी ने अबकी बार सभी विभागों की पुरानी सभी पोस्ट ख़त्म कर सभी को ‘सीनियर मैनेजमेंट एसोसिएट’ नाम की पोस्ट दे दी है।
इसके बारे में गूगल सर्च से भी जानकारी नहीं मिल सकती है कि ये ‘सीनियर मैनेजमेंट एसोसिएट’ होता क्या है। जो लोग ये सोचे बैठे हैं कि वो DBCORP के कर्मचारी हैं, और मजेठिया के हकदार हैं तो वे इसको अपने दिल से निकल दें क्योंकि अब वे प्रिंट मीडिया के कर्मचारी ही नहीं हैं। जब से कर्मचारियों को ये सब पता चला है, उनमें भारी रोष है।
pk
August 5, 2015 at 7:36 am
CHOR HAIN SAALEY SAB.
KARMCHARIYON KA HAK MARKAR APNI CHITA PE LE JAYENGE.