Connect with us

Hi, what are you looking for?

दिल्ली

भोजपुरी को 8वीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर जंतर-मंतर पर धरना दिया

भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर विश्व भोजपुरी सम्मेलन की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ० अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में भोजपुरी भाषा की उपेक्षा से क्षुब्ध भोजपुरी समाज के लोगों ने  सोमवार, 24 नवम्बर को दिल्ली के जंतर-मन्तर पर जबरदस्त धरना दिया। धरनास्थल पर हुई सभा को सम्बोधित करते हुए डॉ० अशोक कुमार सिंह ने कहा कि ”भोजपुरी भाषी  आज भारत के अलावा मॉरीशस, फिजी, गुयाना, अफ़्रीकी देश, नीदरलैंड, सूरीनाम, त्रिनिदाद एंड टोबैगो समेत 50 से ज्यादा देशों में बसे हुए हैं जो आज भी अपनी मातृभाषा भोजपुरी में हीं बात करते हैं।  मॉरिशस जहाँ 60 प्रतिशत लोग भोजपुरी भाषा बोलते हैं वहां भोजपुरी को राजकीय भाषा का दर्जा मिल चुका है। लेकिन अपने हीं देश में भोजपुरी उपेक्षित है।”

भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर विश्व भोजपुरी सम्मेलन की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष डॉ० अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में भोजपुरी भाषा की उपेक्षा से क्षुब्ध भोजपुरी समाज के लोगों ने  सोमवार, 24 नवम्बर को दिल्ली के जंतर-मन्तर पर जबरदस्त धरना दिया। धरनास्थल पर हुई सभा को सम्बोधित करते हुए डॉ० अशोक कुमार सिंह ने कहा कि ”भोजपुरी भाषी  आज भारत के अलावा मॉरीशस, फिजी, गुयाना, अफ़्रीकी देश, नीदरलैंड, सूरीनाम, त्रिनिदाद एंड टोबैगो समेत 50 से ज्यादा देशों में बसे हुए हैं जो आज भी अपनी मातृभाषा भोजपुरी में हीं बात करते हैं।  मॉरिशस जहाँ 60 प्रतिशत लोग भोजपुरी भाषा बोलते हैं वहां भोजपुरी को राजकीय भाषा का दर्जा मिल चुका है। लेकिन अपने हीं देश में भोजपुरी उपेक्षित है।”

इस अवसर पर विश्व भोजपुरी सम्मेलन की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज भावुक ने कहा कि  अब तक की सरकारें  भोजपुरी के साथ अनावश्यक रूप से भेदभाव करती  रही हैं। मोदी सरकार ने अपने चुनावी दौरे के दौरान भोजपुरी को  संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने का आश्वासन दिया था। इस सरकार में गृहमंत्री राजनाथ सिंह और  फिल्म अभिनेता व सांसद मनोज तिवारी समेत  लगभग 122 सांसद  भोजपुरी में बोलते हैं. स्वयं प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने  चुनावी दौरे के वक्त भोजपुरी भाषियों को भोजपुरी में सम्बोधित किया था। इसलिए इस सरकार से पूरी उम्मीद है कि भोजपुरी भाषा को वर्तमान शीतकालीन सत्र में हीं संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर लेगी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

वरिष्ठ पत्रकार पदमपति शर्मा ने कहा कि भोजपुरी जननी है, देशी भाषा है, तेवर वाली भाषा है और इसे इसका वाजिब हक़ मिलना चाहिए और इस सरकार से हमें पूरी उम्मीद है। विश्व भोजपुरी सम्मेलन समन्वयक अपूर्व नारायण तिवारी ने कहा कि जब तक भोजपुरी को सरकारी मान्यता नहीं मिल जाती हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

पूर्वान्ह 10 बजे से शुरू होकर अपरान्ह तीन बजे तक चली इस सभा को  डॉ० अशोक कुमार सिंह,  मनोज भावुक, अपूर्व नारायण तिवारी, पदमपति शर्मा, पत्रकार विद्युत प्रकाश मौर्या, विजय विनीत, सुभाष जी, जयराम सिंह, विजय गुप्ता, सोनू समेत कई जाने-माने साहित्यकारों, पत्रकारों व संस्कृतिकर्मियों ने सम्बोधित किया।  डॉ० अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमन्त्री कार्यालय पहुंचकर अपनी मांगों से सम्बंधित एक ज्ञापन पत्र सौंपा। इसके अलावा इससे सम्बंधित ज्ञापन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा को भी सौंपा गया। 

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement