मुंबई : मजीठिया वेज बोर्ड मामले में समाचार पत्र प्रबंधन के हित की बात करने वाले और पत्रकारों का मनोबल गिराने वाले घुसखोर मुम्बई के सहायक कामगार आयुक्त को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। इससे मुम्बई के पत्रकारो में खुशी की लहर दौड़ गयी है।
बताते हैं कि एक कंपनी के कामगार लाईसेंस की समय सीमा बढ़ाकर देने के नाम पर 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए सहायक कामगार आयुक्त लक्ष्मण भुजबल (उम्र 47 साल) को भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते ने सोमवार को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक फ्रेफार्ड नामक निजी कंपनी में लेखपाल के पद पर कार्यरत एक कर्मचारी ने सहायक कामगार आयुक्त लक्ष्मण भुजबल के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते से शिकायत की थी। लेखपाल ने कामगार लाईसेंस की समय सीमा बढ़ाने के लिये आनलाईन आवेदन किया था। इस आवेदन पर क्या कारवाई हुयी, इस बात की जानकारी के लिये लेखपाल बांद्रा कूर्ला कॉम्पलेक्स के कामगार भवन पहुंचा और उसने भुजबल से मुलाकात की।
भुजबल ने इसके लिये १५ हजार रुपये की रिश्वत मांगी। लेखपाल ने इस बात की शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते से कर दी। दस्ते ने जाल बिछाकर आरोपी सहायक कामगार आयुक्त को १५ हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। भुजबल पर आरोप लगता रहा है कि यह अधिकारी हमेशा समाचार पत्र प्रबंधन की बात करता था और मजीठिया मामले में पत्रकारों का हमेशा नुकसान पहुचाने में जी जान लगा देता था।
मुंबई से पत्रकार शशिकांत सिंह की रिपोर्ट.