नामचीन शायरों का ट्वेंटी ट्वेंटी मैच!
जा दिखा दुनिया को, मुझको क्या दिखाता है गुरुर…
तू समंदर है तो हो, मैं तो मगर प्यासा नहीं…
अदभुत शायर बिजेंद्र सिंह परवाज़ को सुनें…
दोपहर तक बिक गया बाजार में एक-एक झूठ, शाम तक बैठे रहे हम अपनी सच्चाई लिए……
जब अमीरी में मुझे ग़ुरबत के दिन याद आ गए, कार में बैठा हुआ पैदल सफर करता रहा…
यूं भी रुसवा मुझको इस दुनिया का डर करता रहा जेहन से निकला तो मेरे दिल में घर करता रहा…
देखें सुनें और लुत्फ उठाएं-