लखनऊ : सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक से शिकायत की है कि तीन साल की सजा पाने के बावजूद मंत्री कैलाश चौरसिया को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हटाया नहीं है। उनका कहना है कि कैलाश चौरसिया अब कानूनन मंत्री नहीं हैं।
डॉ. ठाकुर ने राज्यपाल को अवगत कराया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिली थॉमस केस में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8(4) को असंवैधानिक घोषित किये जाने के बाद धारा 8(3) के अनुसार दो साल से अधिक अवधि की सजा मिलने पर सजा की तिथि से ही विधायक और सांसद अयोग्य घोषित हो जाते हैं। इसी प्रकार बी आर कपूर बनाम जयललिता केस में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि जो व्यक्ति विधायक नहीं बन सकता, वह मंत्री भी नहीं रह सकता है।इन कानूनी ताकीद के बावजूद चौरसिया को अपदस्थ करने के बजाए मुख्यमंत्री द्वारा अपील की बात करना क़ानून का खुला उल्लंघन है।