वैशाली, गाजियाबाद में मेरे पास बीएसएनएल के तीन लैंडलाइन नंबर थे। वैशाली में एयरटेल आने के बाद बीएसएनएल पर निर्भरता कम होती गई और बिल का भुगतान नहीं हुआ। टेलीफोन कटा रहा और कटा ही रह गया। कोई हिसाब नहीं, कोई सूचना नहीं, कोई कार्रवाई नहीं। मैंने मान लिया कि जमा की गई सुरक्षा राशि बीएसएनएल ने रख लिया। सरकारी कंपनी खा गई। मैंने भी छोड़ दिया। वास्तविकता चाहे जो हो।
अभी नोटबंदी के बाद जब डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना शुरू हुआ तो मैंने बीएसएनएल के अपने आखिरी फोन का बिल भी चुका दिया। फोन उपयोग नहीं के बराबर होता था पर बकाया बताने वाला एसएमएस आता रहता था तो सोचा कौन कर्ज रखे। बिल चुकाने पर जब फोन चालू नहीं हुआ तो पता चला कि बिल तीन महीने से भुगतान नहीं हुआ था इसलिए कट गया है और अब चालू कराने के लिए फिर से फॉर्म भरना होगा। मैंने कहा कि फॉर्म भेज दिया जाए, भर दूंगा। पर कोई सुनवाई नहीं हुई। बीएसएनएल के अधिकारियों को मेल भेजने और फोन करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई।
बताया गया कि बीएसएनएल के ऑफिस जाकर ही फॉर्म भरना होगा। मैंने मना कर दिया। मेरा कहना है कि आज के जमाने में ये कैसे चलेगा? जब दूसरी प्रतिद्वंद्वी कंपनियां घर बैठे फोन दे रही हैं तो बीएसएनएल के दफ्तर जाकर कौन और क्यों फोन कनेक्शन लेगा। आखिरकार एक सज्जन फॉर्म लेकर आए। उन्होंने बताया कि फॉर्म के साथ 500 रुपए भी देने होंगे। बात मेरी समझ में नहीं आई। उनका कहना था कि मेरा कनेक्शन बंद किया जा चुका है और मेरे पैसे (सुरक्षा राशि और जो बिल मैंने जमा कर दिया उसके समायोजन के बाद, टेलीफोन इंस्ट्रूमेंट के पैसे काटकर) वापस आ जाएंगे। अगर मुझे बीएसएनएल का फोन चाहिए (जो बंद हो चुका है) तो नए सिरे से आवेदन करना होगा और सुरक्षा राशि एडवांस देनी होगी। मैंने पूछा नहीं कि चेक चलेगा या नकद ही देना है। मैंने मना कर दिया कि जब बीएसएनएल को नंबर बंद करने की इतनी जल्दी है तो उसकी इच्छा का सम्मान किया जाना चाहिए और नंबर बंद रहे।
पर मुद्दा यह है कि पहले जो दो नंबर दो बंद हुए उनके हिसाब का क्या हुआ? जब टेलीफोन उपकरण के पैसे काटे जाने हैं तो वापस करने के लिए क्यों नहीं कहा गया (मेरे पास बीएसएनएल के तीनों घटिया उपकरण लगभग अनुपयुक्त सुरक्षित रखे हैं, लौटाने के लिए ही) और जब मेरे पैसे बीएसएनएल के पास हैं ही तो कनेक्शन बंद करने की इतनी जल्दी क्यों? इन सबके अलावा ये स्क्रीन शॉट देखिए – मेरे पास 23 नवंबर को संदेश आया कि 25 नवंबर तक पैसे जमा कराए जा सकते हैं।
जब बंद कर दिया था तो संदेश क्यों? मैंने 24 नवंबर को पैसे जमा करा दिए 25 नवंबर को मुझे संदेश भी मिला कि पैसे प्राप्त हो गए हैं। फिर फोन बंद क्यों हो गया? बंद ही था तो पैसे क्यों मांगे जा रहे थे और जब इंतजार ही नहीं करना था तो 25 नवंबर की तारीख किसलिए बताई जा रही थी? यह सरकारी कंपनी का भ्रष्टाचार नहीं तो और क्या है? बीएसएनएल को बंद कराने की साजिश के अलावा क्या है? देखता हूं, पैसे वापस आते हैं कि फोन चालू होता है। मुझे तो दोनों की उम्मीद नहीं है।
लेखक Sanjaya Kumar Singh वरिष्ठ पत्रकार और अनुवादक हैं. उनसे संपर्क [email protected] या +91 98101 43426 के जरिए किया जा सकता है.