कहते हैं कि मीडिया निष्पक्ष होता है. वह अगर पक्षकार है तो आम जन का, गरीब जनता का, हाशिए के लोगों का. पर दैनिक भास्कर में उल्टी गंगा बहती है. छत्तीसगढ़ में सरकार से ढेर सारे अनुग्रह हासिल करने वाले दैनिक भास्कर समूह ने नेताओं को तेल लगाने के मामले में सबको पीछे छोड़ दिया. बीते दिनों छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के जन्मदिन पर दैनिक भास्कर ने ऐसा कारनामा किया कि लोगों ने दांतों तले उंगलियां दबा ली.
दैनिक भास्कर ने पूरा फ्रंट पेज रमन सिंह की तस्वीर और उनके जन्मदिन को समर्पित तो किया ही, फ्रंट पेज का नाम ‘दैनिक भास्कर’ से बदल कर ‘रमन भास्कर’ रख दिया. इस घटिया हरकत पर पूरा मीडिया जगत स्तब्ध हो गया. लेकिन येन केन प्रकारेण धंधा, बिजनेस, अनुग्रह हासिल करने वाले भास्कर समूह के लिए ये कारनामा शर्मिंदा करने वाला कतई न था.
कोबरा पोस्ट के स्टिंग आपरेशन में दैनिक भास्कर के एक मालिक पवन अग्रवाल आन कैमरा पेड न्यूज की बात करते हुए पकड़े गए थे. अब एक राज्य के सीएम के जन्मदिन के मौके पर अखबार का नाम नेता के नाम पर बदलकर और पूरा फ्रंट पेज नेता के हैप्पी बर्थडे को समर्पित कर दैनिक भास्कर ने भारत में मीडिया के पतन का एक बड़ा काला अध्याय लिख दिया है. देखें दैनिक भास्कर का फ्रंट पेज, जो रमन स्तुति में समर्पित है…
15 अक्टूबर का दैनिक भास्कर. इसमें फ्रंट पेज पर विज्ञापन पेज लगा. इस फ्रंट पेज में दैनिक भास्कर ने चटुकारिता की सारी हदें पार कर अपना नाम ही बदल दिया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के गृह नगर में 15 अक्टूबर को ‘दैनिक भास्कर’ की जगह ‘रमन भास्कर’ प्रसारित किया गया। एक सीएम को तेल-मक्खन लगाने के लिए प्रबंधन द्वारा अपने अखबर के नाम में ही परिवर्तन कर दिया जाना लोगों में चर्चा का विषय बन गया है। दैनिक भास्कर ने पत्रकारिता फील्ड में चाटुकारिता की जो नई उंचाई पेश की है, उसे सदियों तक याद किया जाएगा।