महाराष्ट्र से खबर आ रही है कि दैनिक भास्कर और दिव्य मराठी की प्रबंधन कंपनी डीबी कॉर्प को उपनगर मुंबई सहित महाराष्ट्र के श्रम विभाग ने लताड़ लगायी है। 26 सितंबर को कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच आयोजित बैठक में प्रबंधन की तरफ से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ। इस बैठक में कर्मचारियों का पक्ष रखने के लिये महाराष्ट्र के श्रम आयुक्त कार्यालय ने मजीठिया संघर्ष मंच के अध्यक्ष शशिकांत सिंह को भी आमंत्रित किया था। इस बैठक में जब डी बी कॉर्प की तरफ से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ तो सहायक कामगार आयुक्त नीलांबरी भोषले ने उपायुक्त शिरिन लोखंडे से अग्रिम कदम की चर्चा की। अब महाराष्ट्र के श्रम विभाग ने पुष्टि कर दी है कि डीबी कॉर्प प्रबंधन को शोकॉज नोटिस भेजा गया है।
डीबी कॉर्प के आई टी विभाग में कार्यरत एक टर्मिनेट कर्मचारी ने १७(१) के तहत रिकवरी का क्लेम लगाया है। इस मामले की सुनवाई के लिये गुरुवार को श्रम विभाग में कर्मचारी एस्बर्ड गोंसाल्विस और प्रबंधन को बुलाया गया था। डी बी कॉर्प प्रबंधन की तरफ से महिला अधिकारी आयीं तो जरूर, मगर खाली हाथ। इस मामले की सुनवाई कर रहे सहायक कामगार आयुक्त बी. आर. जाधव ने डी बी कॉर्प की महिला अधिकारियों से साफ पूछा कि आपका प्रबंधन बकाया पैसा कब दे रहा है। इस सवाल से प्रबंधन के लोग हक्का बक्का रह गये। इस दौरान एस्बर्ड गोंसाल्विस से भी पूछा गया कि आपका कितना हिसाब निकल रहा है। कर्मचारी ने सीए से बनवा करर लाए गए अपने २० लाख रुपये से ज्यादा के हिसाब बताया और पूरे चार्ट को सामने रख दिया।
सहायक कामगार आयुक्त बी. आर. जाधव ने साफ तौर पर डी बी कॉर्प प्रबंधन से पूछा कि इस कर्मचारी का पैसा कब मिल रहा है। डी बी कॉर्प की महिला अधिकारियों ने हिसाब निकालने के लिये टाईम मांगा जिस पर सहायक कामगार आयुक्त बी. आर. जाधव ने कहा कि यहां कम्पयूटर और कर्मचारी दोनो हैं, फिर टाईम क्यों लगना। श्री जाधव ने लंबा टाईम देने से इनकार करते हुये डी बी कॉर्प प्रबंधन को साफ कह दिया कि आप लोगों को तीन अक्टूबर तक का समय दे रहा हूं। अगर इस कर्मचारी का तीन अक्टूबर को सुबह 11 बजे तक हिसाब मेरे सामने नहीं आया तो आरसी कट जायेगी। इतना सुनने के बाद डीबी कॉर्प की महिला अधिकारियों के चेहरे पर हवाईयां उड़ने लगी। इस अवसर पर पत्रकार धमेन्द्र प्रताप सिंह भी मौजूद थे।
शशिकांत सिंह
पत्रकार और आरटीआई एक्टीविस्ट
मुंबई
९३२२४११३३५