Awadhesh Kumar : मित्रों, एक अत्यंत दुखद खबर है। इंडिया न्यूज के मुख्य संपादक श्री दीपक चौरसिया के पिता जी का देहावसान हो गया है। उनकी अंत्येष्टि शाम 4 बजे लोधी रोड श्मसान घाट पर होगा। मेरी ओर से उनको विनम्र श्रद्धांजलि। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। दीपक जी एवं उनके परिवार को इस आघात से उबरने की अंतःशक्ति मिले। चाहे जिस परिस्थिति में हो पिता का जाना जीवन की अपूरणीय क्षति होती है। हालांकि हम सबका हस्र भी यही होना है, क्योंकि मृत्यु ही एकमात्र सत्य है, फिर भी मनुष्य होने के नाते उसका आघात तो झेलना ही पड़ता है।
वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार के फेसबुक वॉल से.
Yashwant Singh : दीपक चौरसिया के पिता लक्ष्मण प्रसाद चौरसिया के देहांत की सूचना मिली तो उनके बारे में दीपक के मुंह से एक बार जो कुछ सुना था, वो याद आ गया. लक्ष्मण प्रसाद चौरसिया जी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढ़े थे. उन्हें हरिवंश राय बच्चन ने पढ़ाया था. डबल एमए यानि एमए गणित और एमए इंग्लिश लिट्रेचर से पढ़ाई करने के बाद वह चाहते तो बड़े अधिकारी बन सकते थे, एलीट जीवन जी सकते थे. लेकिन उनके आदर्शवादी मन में गरीबों के प्रति जो करुणा-ममता थी, उसके हिसाब से जीवन जीना तय किया. उन्होंने आदिवासी बच्चों को पढ़ाने, शिक्षित कर समझदार जागरूक और समृद्ध बनाने का तय किया. उन्होंने ट्राइबल सर्विसेज ज्वाइन किया और मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ के दर्जनों आदिवासी स्कूलों में अध्यापन का काम किया. वे 1960 से लेकर 1989 तक आदिवासी बच्चों को पढ़ाते रहे. सेंधवा से बतौर प्रिंसिपल वह रिटायर हुए. महीने भर पहले दिल्ली में उन्हें कई तरह के अटैक आए. उन्हें अस्लोक अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां इलाज से ठीक होकर वह घर लौट आए. पर अचानक उन्हें दिक्कत शुरू हुई और अस्पताल ले जाते जाते उनकी डेथ हो गई. उनकी उम्र 86 साल थी. विनम्र श्रद्धांजलि. ईश्वर परिजनों को दुख सहन करने की ताकत दे.
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.