विज्ञापन को लेकर मारामारी में पत्रकार भी अपनी हदें पार कर रहे हैं। उत्तराखंड के पौड़ी में एक बड़े अखबार के प्रभारी का एक कारनामा चर्चा का विषय बना हुआ है। नगर पालिका पौड़ी ने हिन्दुस्तान अखबार के लिए पांच हजार रुपये का विज्ञापन जारी किया। नियमानुसार विज्ञापन प्रतिनिधि के पास यह विज्ञापन पहुंच गया। विज्ञापन के 15 प्रतिशत कमीशन के लालच में हिन्दुस्तान के पौड़ी प्रभारी ने पालिका अध्यक्ष पर दबाव बना कर इसे निरस्त करवा कर अपने नाम से आरओ जारी करा दिया।
यह बात चार हजार के मुलाजिम विज्ञापन प्रतिनिधि को ठीक नहीं लगी और वह प्रभारी से भिड़ गया। प्रभारी ने संपादक को मेल लिख कर शिकायत की और मामले में एक गवाह का नाम लिख दिया। संपादक ने गवाह को फोन कर प्रकरण की जानकारी ली। मामला अब हिन्दुस्तान की देहरादून यूनिट के जीएम तक पहुंच गया है।
वहीं, पौड़ी के पत्रकारों के लिए दीपावली पर देहरादून से भेजे एक डिनर सेटों को लेकर पत्रकार आपस में ही भिड़ गए। बुधवार को एक गाड़ी पत्रकारों के कार्यालय परिसर के बाहर पहुंची। ड्राइवर ने पत्रकारों के बारे में पूछा और कहा कि कुछ गिफ्ट पैकेट है। बस क्या था, कई पत्रकार तो कार के पास ही आपस में भिड़ गए। जिसके हाथ जितने लगे, उतने रख लिए। दोपहर में एक पत्रकार चिल्लाते हुए घूम रहे थे कि लिस्ट मैंने भिजवाई थी और मुझे ही नहीं मिला। एक ने तो अपने विज्ञापन प्रतिनिधि, चपरासी और फोटोग्राफर के पैकेट तक हथिया लिए। कुछ ने अपने को टीवी चैनल का पत्रकार बताते हुए दो-दो रख लिए।
पौड़ी से एक वरिष्ठ पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.