मेवात : मेवात जिले में नकली दूध बनाने के चल रहे गोरख धंधे के खिलाफ खबर छापना मेवात के एक पत्रकार को भारी पड़ गया। तीन दिन पहले इस पत्रकार को पहले फोन पर खबर छापने पर हाथ-पैर तोड़ने और जान से मारने की धमकी दी। लेकिन पत्रकार ने इसे गंभीरता न लेकर आम रूटीन की धमकी मान कर पुलिस में शिकायत नहीं की। यही गलती पत्रकार को भारी पड़ गई। खबर छपने से बोखलाए नकली दूध बनाने वाले माफिया बुधवार को एक बोलेरो कार में आए और पिनगवां में पुलिस चौकी से मात्र 100 मीटर की दूरी पर चाय पी रहे इस पत्रकार आस मोहम्मद को सरियों, लाठी डंडों से जमकर पीटा और उसका अपहरण करने का प्रयास कर उसे बोलेरो कार तक ले गये लेकिन होटल पर मौजूद लोगो ने पत्रकार को छुड़ा लिया।
जैसे ही पत्रकार ने पुलिस को फोन किया तुरंत पुलिस मौके पर पहुंच गई लेकिन आरोपी जान से मारने की धमकी देकर तब तक फरार हो गये। फिलहाल पीड़ित पत्रकार का पुन्हाना अस्पताल में मेडिकल कराकर पिनगवां पुलिस चौकी में लिखित शिकायत दे दी है। पुलिस मामले की कार्यवाही में जुट गई है लेकिन आरोपी सभी फरार है। जिला मेवाल के पत्रकार यूनुस अलवी के नेतृत्व में डीएसपी सुमेर सिंह यादव से मिले और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग। जांच अधिकारी प्रहलाद ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पीड़ित पत्रकार आस मोहम्मद ने बताया कि वह एक राष्ट्रीय अखबार में पिनगवा से खबरें भेजता है। उसने अपने अति विश्वस्त सूत्रों की सूचना पर मेवात जिला में नकली दूध के चल रहे कारोबार के बारे में तीन दिन पहले न्यूज लिखी थी लेकिन इसके बारे नकली दूध माफियों को खबर के बारे में पता चल गया तो उन्होने मुझे और एक अन्य पत्रकार को फोन पर हाथ पैर तोड़ने और जान से मारने की धमकी दी थी। लेकिन हमने इसे आम रूटीन की धमकी मानकर पुलिस में कोई शिकायत नहीं की और अपनी न्यूज को दूसरे दिन छाप दिया जिसकी वजह से नकली दूध बनाने के माफिया बोखला गये और बुधवार को पिनगवां में सात-आठ लोगों ने हमला बोल दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। मेवात के पत्रकारों ने इस घटना कि कडे शब्दों में निंदा की है। शेर सिंह डागर, नरेश गर्ग, यूनुस अलवी, योगेश कुमार, गुरूदत्त, मनीष आहुजा ने कहा कि आरोपी शीघ्र गिरफ्तार नहीं किए गए तो वे मुख्यमंत्री और डीजीपी से भी मिलेंगे।