पटना : संविधान दिवस पर अम्बेड्कर सेवा एवं शोध संस्थान के प्रांगण में सैंकड़ों मजदूर किसान और आश्रय भियान से जुड़े पटना के झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग इकट्ठा हुये. इस सभा में जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय (NAPM) द्वारा राष्ट्रव्यापी संविधान सम्मान यात्रा, जो कि दांडी से 2 अक्टूबर को निकल कर अनेक राज्य होते हुए पटना पहुंची और उनका स्वागत किया गया. इस यात्रा में देश भर के विभिन्न आंदोलनों के कार्यकर्ता शामिल हुये.
यात्रा में शामिल वक्ताओं ने कहा कि देश को तोड़ने वाले राम के नाम पर झूठी यात्रा निकाल रहे हैं और जन आंदोलनों के लोग संविधान के मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए यात्रा कर रहे हैं. सभा में सरकार की नीतियों पर लोग जमकर बरसे. वक्ताओं ने कहा कि संविधान में व्यक्ति की गरीमा सुनिश्चित की गयी है लेकिन बिना रोटी कपड़ा मकान शिक्षा और स्वास्थ्य के यह संभव नहीं. सरकार मंदिर की बात कर रही है क्यूंकी वह पूरी तरह से विफल हो गयी है. पटना के स्लम से आए सैकड़ों लोगों ने कहा कि गरीब लोगों को स्मार्ट सिटी के नाम पर उजाड़ा जा रहा है. हाई कोर्ट के आर्डर की भी अवहेलना की जा रही है.
संविधान सम्मान यात्रा में शामिल गुजरात की वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता स्वाती देसाई ने कहा कि बुलेट ट्रेन के नाम पर किसानों की ज़मीन हड़पी जा रही है. गुजरात सरकार कंपनियों को हजारों करोड़ का लोन देती है पर किसानों के लिए उनके पास कोई योजना नहीं हैं. तेलंगाना की वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मीरा संघमित्रा ने देश में हो रहे जल जंगल ज़मीन की लूट की बात की और कहा कि हमें अपनी मेहनत का मोल चाहिए.
भूदान यज्ञ के पूर्व अध्यक्ष कुमार शुभमूर्ति ने कहा कि सरकार काम नहीं कर रही तो उसे बादल देना चाहिए.
सभा में पटना के दर्जनों वरिष्ठ नागरिक, बुद्धिजीवी एवं सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए जिसमे पूर्व एम एल सी प्रोफ वसी अहमद, एएन सिन्हा सामाजिक शोध संस्थान के पूर्व निदेशक डा0 एच एन दिवाकर, भूदान यज्ञ कमिटी के पूर्व चेयरमैन कुमार शुभ्मूर्ती, कामरेड राजाराम, महिला समाज से निवेदिता झा ने अपनी बातें रखीं.
सभा के अंत में संविधान के प्रस्तावना की शपथ ली गयी. सभा में आशीष रंजन, रुक्मणी देवी, राजेश कुमार, राजेश पासवान, उज्जवल कुमार, उदयन, महेंद्र यादव, अजय साहनी, ग़ालिब कलीम, नीरज, रजनीश, अरविंद, सत्यम झा आदि शामिल हुए. बिहार अम्बेडकर स्टूडेंट फोरम के कार्यकर्ताओं ने भी बाबा साहब को याद किया और उनके याद मे एक हास्य कथा कही. मच संचालन कामायनी स्वामी और दिलीप पटेल ने किया.