पत्रिका ग्वालियर में कर्मचारियों ने संपादक की कार्यशैली और राजनीति से परेशान होकर उसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संपादक के खिलाफ कंपनी के मुख्यालय जयपुर में शिकायत की गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि संपादक अपने चहेते कर्मचारियों के इशारे पर कंपनी के वरिष्ठ कर्मचारियों को परेशान कर रहे हैं। शिकायत में कर्मचारियों ने संपादक की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए हैं। उसमें कहा गया है कि संपादक मॉर्निंग मीटिंग में कभी दोपहर 1 बजे के पहले नहीं आते।
तब तक सभी रिपोटर्स को ऑफिस में ही रोके रखा जाता है और उसके बाद ही मीटिंग होती है। यह मीटिंग नहीं, बल्कि ज्ञान की पाठशाला होती है। रिपोर्टर्स ने यह भी आरोप लगाया है कि 1 बजे तक ज्यादातर सेंटर्स की मॉर्निंग मीटिंग रिपोर्टस आ चुकी होती है। इसी के आधार पर ही संपादक ज्ञान की पाठशाला खोल देते हैं। ज्ञान की पाठशाला इतनी लंबी चलती है कि जिसके बाद रिपोर्टरों को फील्ड में जाने का मौका ही नहीं मिलता। इन सभी शिकायतों का पुलिंदा कर्मचारियों ने कंपनी के मुख्यालय भेजा है।
काम वाले किनारे कर दिए गए हैं. एक्सपोज प्रभारी जिंतेंद्र जाट को हटाकर अपने जिले के निवासी और टीम में सबसे जूनियर हितेश शर्मा को एक्सपोज का इंचार्ज बना दिया. इसी तरह रीजनल प्रभारी अवधेश श्रीवास्तव को भी किनारे बैठा दिया गया. उनके स्थान उनके जूनियर अनिल श्रीवास्तव को रीजनल का प्रभारी बना दिया. अवधेश श्रीवास्तव से पिछले चार महीने से कभी इधर कभी उधर भटक रहे हैं. इसी तरह रिपोर्टिंग में सबसे वरिष्ठ साथी राजदेव पाण्डेय (डीएनई) को साइड लाइन कर जूनियर चाटुकार अनिल पटेरिया को चीफ रिपोर्टर बना दिया. सिटी डेस्क पर भी यही हाल हुआ, लांचिंग से ही अखबार से जुड़े और सबसे वरिष्ठ कर्मचारी संजय तोमर को भी किनारे करके शत्रुघ्न गुप्ता को इंचार्ज बना दिया. पत्रिका प्लस के प्रभारी हरिनाथ द्विवेदी पर कोई जोर नहीं चला तो उनका तबादला करा दिया गया.