Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

आईएफडब्लूजे से हटाए जाने की प्रेस रिलीज के जवाब में हेमंत तिवारी का पक्ष पढ़ें

मुट्ठी भर चुके हुए कथित पत्रकारों ने आईएफडब्लूजे के नाम से फर्जी ईकाई बनाई जो घंटे भर न टिकी

नोयडा मीडिया सेंटर में आईएफडब्लूजे का नाम लेते हुए छह चुके हुए लोग जुटे और फर्जी वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा चुने हुए अध्यक्ष, महासचिव व उपाध्यक्ष को हटाने संबंधी एक प्रेसनोट भी जारी कर डाला।

Advertisement. Scroll to continue reading.

चुके हुए लोगों में दशकों से पत्रकारिता छोड़ एक स्कूल चलाने वाली संस्था का कारकुन, कभी किसी अखबार में कातिब या प्रूफ रीडर रहा एक गैर पत्रकार, आपराधिक मामलों में जेल काट छोटे अखबारों का जेबी संगठन चलाने वाला शामिल था।

गैरमौजूदगी में दो लोगों को क्रमश: कार्यवाहक अध्यक्ष व महासचिव बना डाला। जिसे अध्यक्ष बनाया वो कुछ ही दिन पहले आईएफडब्लूजे छोड़कर एक नए बने संगठन भारती श्रमजीवी पत्रकार संघ (बीएसपीएस) का राष्ट्रीय संयोजक बना था।

Advertisement. Scroll to continue reading.

जिसे महासचिव बनाया उसने घंटे भर बाद ही खंडन भेजते हुए खुद को इस तरह के किसी पद से अलग कर लिया।

खैर कभी आईएफडब्लूजे में काम किए हों तो पता होगा न कि जिसे अध्यक्ष व महासचिव बना रहे हैं वो कहां हैं और क्या कर रहे हैं।

इसके बाद और भी गजब करते हुए एक पुराने निर्वाचन अधिकारी को आगे चुनाव का जिम्मा सौंप दिया। इसे तीन साल पहले रायपुर में बाकायदा संगठन की बड़ी बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीआरओ) बनाया गया था। वैचारिक दारिद्रय इस कदर हावी था इन कथित गैर पत्रकारों जो खुच को आईएफडब्लूजे बता रहे थे, कि सीआरओ के नाम से एक चिट्ठी भी जारी की तो वही पुरानी रायपुर वाली और उसमें नाम बदल कर नोयडा भी न लिख पाए।

कुल जमा इस बैठक में पर्वतीय प्रदेशों के आधे कहलाने वाले दो निषक्रिय पदाधिकारी दिखाई दिए। कथित बैठक का जिम्मा संभाला कुछ महीनों पहले आईएफडब्लूजे से निकाले गए फर्जी कोषाध्यक्ष रिंकू यादव ने जो कब का जालसाज विक्रम राव की गोदी में बैठ चुका है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस बैठक का कथित प्रेस नोट भी इसी रिंकू यादव ने जारी किया।

बैठक की अध्यक्षता करने वाला बदफेहली के मामले में आरोपी रहा कथित पत्रकार रहा जो खुद को फर्जी रुप से आईएफडब्लूजे की कार्यसमिति का सदस्य बताने की जिद करता रहता था। गजब तो यह है कि संगठन में वित्तीय अनियमितता की कहानी सुनाने वालों के पास एक भी कागज सुबूत के तौर पर न था और न हीं कोई बैंक अकाउंट की जानकारी। कब कहां किसने कोई पैसा दिया इसके बारे में भी शून्य जानकारी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

बैठक में देश भर में फैले आईएफडब्लूजे के सैकड़ों पदाधिकारियों में से आधा दर्जन लोग भी न जुट पाने के बाद और तुरंत ही कथित तौर पर गढ़े गए महासचिव के खुद को इस कारस्तानी से दूर करने के बाद ये सभी मुंह छिपाते ही नजर आए।

मूल खबर-

Advertisement. Scroll to continue reading.

हेमंत तिवारी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में आईएफडब्ल्यूजे से बाहर किये गए

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement